
*~ हिंदू पंचांग ~*

*दिनांक – 24 मार्च 2025*
*दिन – सोमवार*
*विक्रम संवत – 2081*
*शक संवत -1946*
*अयन – उत्तरायण*
*ऋतु – वसंत ॠतु*
*अमांत – 11 गते चैत्र मास प्रविष्टि*
*राष्ट्रीय तिथि – 3 चैत्र मास*
*मास – चैत्र (गुजरात-महाराष्ट्र फाल्गुन)*
*पक्ष – कृष्ण*
*तिथि – दशमी 25 मार्च प्रातः 05:05 तक तत्पश्चात एकादशी*
*नक्षत्र – उत्तराषाढा 25 मार्च प्रातः 04:27 तक तत्पश्चात श्रवण*
*योग – परिघ शाम 04:45 तक तत्पश्चात शिव*
*राहुकाल – सुबह 07:51 से सुबह 09:22 तक*
*सूर्योदय – 06:16*
*सूर्यास्त – 06:31*
*दिशाशूल – पूर्व दिशा मे*
*व्रत पर्व विवरण- ब्रह्मलीन भगत्पाद साॅई श्री लीलाशाहजी महाराज का प्राकट्य दिवस*
*विशेष-
*~ वैदिक पंचांग ~*
*पापमोचनी एकादशी*
*25 मार्च 2025 मंगलवार को प्रात: 05:05 से 26 मार्च बुधवार को प्रातः 03:45 तक एकादशी है ।*
*विशेष ~ 25 मार्च 2025 मंगलवार को पापमोचनी एकादशी (स्मार्त) 26 मार्च 2025 बुधवार को पापमोचनी एकादशी (भागवत) 26 मार्च 2025 बुधवार को एकादशी का व्रत (उपवास) रखें ।*
*निर्णयसिन्धु के प्रथम परिच्छेद में एकादशी के निर्णय में 18 भेद कहे गये हैंl*
*कालहेमाद्रि में मार्कण्डेयजी ने कहा है – जब बहुत वाक्य के विरोध से यदि संदेह हो जाय तो एकादशी का उपवास द्वादशी को ग्रहण करे और त्रयोदशी में पारणा करे ।*
*पद्म पुराण में आता है कि एकादशी व्रत के निर्णय में सब विवादों में द्वादशी को उपवास तथा त्रयोदशी में पारणा करे ।*
*विशेष ~ अतः इस बार भी शास्त्र अनुसार 26 मार्च को एकादशी का व्रत (उपवास) करें*।
*~ वैदिक पंचांग ~*
*एकादशी के दिन करने योग्य*
*एकादशी को दिया जलाके विष्णु सहस्त्र नाम पढ़ें …….विष्णु सहस्त्र नाम नहीं हो तो १० माला गुरुमंत्र का जप कर लें l अगर घर में झगडे होते हों, तो झगड़े शांत हों जायें ऐसा संकल्प करके विष्णु सहस्त्र नाम पढ़ें तो घर के झगड़े भी शांत होंगे l*
*~ वैदिक पंचांग ~*
सोमवार के दिन भगवान शिव की आराधना करें. शिव मंदिर जाकर भगवान शिव को जल अर्पित करने के पश्चात, दो लौंग को अपने हाथ में लेकर अपनी इच्छाओं को भोलेनाथ के समक्ष व्यक्त करें और फिर उन लौंगों को शिवलिंग पर अर्पित करें.
आप शनि दोष से ग्रसित हैं और इसके कारण आर्थिक हानि का सामना कर रहे हैं, तो सोमवार के दिन शिवलिंग पर काले तिल अर्पित करना एक प्रभावी उपाय हो सकता है. नियमित रूप से शिवलिंग पर जल अर्पित करने के बाद कुछ काले तिल अर्पित करें और भगवान शिव से शांति और समृद्धि की प्रार्थना करें. इस उपाय से शनि दोष का प्रभाव कम होता है और धन संबंधी समस्याओं में सुधार होता है।