
*~ हिंदू पंचांग ~*

*दिनांक – 26 मार्च 2025*
*दिन – बुधवार*
*विक्रम संवत – 2081*
*शक संवत -1946*
*अयन – उत्तरायण*
*ऋतु – वसंत ॠतु*
*अमांत – 13 गते चैत्र मास प्रविष्टि*
*राष्ट्रीय तिथि – 5 चैत्र मास*
*मास – चैत्र (गुजरात-महाराष्ट्र फाल्गुन)*
*पक्ष – कृष्ण*
*तिथि – द्वादशी 27 मार्च रात्रि 01:42 तक तत्पश्चात त्रयोदशी*
*नक्षत्र – धनिष्ठा 27 मार्च रात्रि 02:30 तक तत्पश्चात शतभिषा*
*योग – सिद्ध दोपहर 12:26 तक तत्पश्चात साध्य*
*राहुकाल – दोपहर 12:23 से दोपहर 01:54 तक*
*सूर्योदय – 06:32*
*सूर्यास्त – 06:14*
*दिशाशूल – उत्तर दिशा मे*
*व्रत पर्व विवरण- पपमोचनी एकादशी (भागवत),पंचक ( आरंभ -दोपहर 03:14)*
*विशेष- द्वादशी को पूतिका(पोई) अथवा त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*~ वैदिक पंचांग ~*
*वारुणी योग*
*27 मार्च 2025 गुरुवार को सूर्योदय से सूर्यास्त तक वारुणी योग है।*
*वारुणी योग में गंगादि तीर्थ में स्नान, दान, उपवास १०० सूर्यग्रहणों के समान फलदायी है।*
*~ वैदिक पंचांग ~*
*प्रदोष व्रत*
*हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक महिने की दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत किया जाता है। ये व्रत भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है। इस बार 27 मार्च, गुरुवार को प्रदोष व्रत है। इस दिन भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है। प्रदोष पर व्रत व पूजा कैसे करें और इस दिन क्या उपाय करने से आपका भाग्योदय हो सकता है, जानिए…*
*ऐसे करें व्रत व पूजा*
*- प्रदोष व्रत के दिन सुबह स्नान करने के बाद भगवान शंकर, पार्वती और नंदी को पंचामृत व गंगाजल से स्नान कराएं।*
*- इसके बाद बेल पत्र, गंध, चावल, फूल, धूप, दीप, नैवेद्य (भोग), फल, पान, सुपारी, लौंग, इलायची भगवान को चढ़ाएं।*
*- पूरे दिन निराहार (संभव न हो तो एक समय फलाहार) कर सकते हैं) रहें और शाम को दुबारा इसी तरह से शिव परिवार की पूजा करें।*
*- भगवान शिवजी को घी और शक्कर मिले जौ के सत्तू का भोग लगाएं। आठ दीपक आठ दिशाओं में जलाएं।*
*- भगवान शिवजी की आरती करें। भगवान को प्रसाद चढ़ाएं और उसीसे अपना व्रत भी खोले।उस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करें।*
*ये उपाय करें*
*सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद तांबे के लोटे से सूर्यदेव को अर्ध्य देें। पानी में आकड़े के फूल जरूर मिलाएं। आंकड़े के फूल भगवान शिवजी को विशेष प्रिय हैं । ये उपाय करने से सूर्यदेव सहित भगवान शिवजी की कृपा भी बनी रहती है और भाग्योदय भी हो सकता है।*
*~ वैदिक पंचांग ~*
*कर्ज-मुक्ति के लिए मासिक शिवरात्रि*
*27 मार्च 2025 गुरुवार को मासिक शिवरात्रि है।*
*हर मासिक शिवरात्रि को सूर्यास्त के समय घर में बैठकर अपने गुरुदेव का स्मरण करके शिवजी का स्मरण करते- करते ये 17 मंत्र बोलें, जिनके सिर पर कर्जा ज्यादा हो, वो शिवजी के मंदिर में जाकर दिया जलाकर ये 17 मंत्र बोले।इससे कर्जा से मुक्ति मिलेगी*
*1).ॐ शिवाय नम:*
*2).ॐ सर्वात्मने नम:*
*3).ॐ त्रिनेत्राय नम:*
*4).ॐ हराय नम:*
*5).ॐ इन्द्र्मुखाय नम:*
*6).ॐ श्रीकंठाय नम:*
*7).ॐ सद्योजाताय नम:*
*8).ॐ वामदेवाय नम:*
*9).ॐ अघोरह्र्द्याय नम:*
*10).ॐ तत्पुरुषाय नम:*
*11).ॐ ईशानाय नम:*
*12).ॐ अनंतधर्माय नम:*
*13).ॐ ज्ञानभूताय नम:*
*14). ॐ अनंतवैराग्यसिंघाय नम:*
*15).ॐ प्रधानाय नम:*
*16).ॐ व्योमात्मने नम:*
*17).ॐ युक्तकेशात्मरूपाय नम:*
*आर्थिक परेशानी से बचने हेतु*
*हर महीने में शिवरात्रि (मासिक शिवरात्रि – कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी) को आती है | तो उस दिन जिसके घर में आर्थिक कष्ट रहते हैं वो शाम के समय या संध्या के समय जप-प्रार्थना करें एवं शिवमंदिर में दीप-दान करें ।*
*और रात को जब 12 बज जायें तो थोड़ी देर जाग कर जप और एक श्री हनुमान चालीसा का पाठ करें। तो आर्थिक परेशानी दूर हो जायेगी।*
*प्रति वर्ष में एक महाशिवरात्रि आती है और हर महीने में एक मासिक शिवरात्रि आती है। उस दिन शाम को बराबर सूर्यास्त हो रहा हो उस समय एक दिया पर पाँच लंबी बत्तियाँ अलग-अलग उस एक में हो शिवलिंग के आगे जला के रखना |बैठ कर भगवान शिवजी के नाम का जप करना प्रार्थना करना, | इससे व्यक्ति के सिर पे कर्जा हो तो जल्दी उतरता है, आर्थिक परेशानियाँ दूर होती है ।*
घर के मुख्य द्वार पर श्रीगणेश की मूर्ति के साथ मोर पंख सजाने से वास्तु दोष दूर होते हैं.
घर के दक्षिण-पूर्व कोने में मोर पंख रखने से घर में हमेशा बरकत बनी रहती है.
अगर घर में कलह कलेश हो रहे हैं तो पूजा स्थान पर रखी धार्मिक ग्रंथ में मोरपंख रखें.
बच्चों को बुरी नजर से बचाने के लिए मोरपंख को चांदी के ताबीज में डालकर उसके सिरहाने रख दें.
अगर कोई व्यक्ति अक्सर डरावने सपने देखता है तो सिरहाने मोर पंख को रखने से डरावने सपने आना बंद हो जाते हैं.
जिस व्यक्ति की राशि में राहु दोष होता हैं उन्हें अपनी जेब या डायरी में मोरपंख रखना चाहिए.
*~ वैदिक पंचांग ~*