
उत्तराखंड डेली न्यूज़:ब्योरो

दून के निजी स्कूलों की मनमानी फीस वृद्धि पर जिलाधिकारी सख्त लाइसेंस रद्द करने की चेतावनी। सीडीओ ने स्कूल संचालकों के साथ बैठक कर पांच साल के फीस स्ट्रक्चर की जांच की। आरटीई एक्ट के अनुसार तीन साल में अधिकतम 10% फीस बढ़ोतरी का नियम लागू करने के निर्देश। अभिभावकों को निश्चित दुकान से सामान खरीदने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता। एनसीईआरटी की किताबें पढ़ाना अनिवार्य। राजधानी दून में निजी स्कूलों की मनमानी फीस वृद्धि और अभिभावकों पर बनाए जा रहे अनावश्यक दबाव पर जिलाधिकारी सविन बंसल ने गंभीर रुख अपनाया है। उन्होंने साफ किया कि यदि निजी स्कूलों ने मनमानी बंद नहीं की तो उनके लाइसेंस निरस्त कर दिए जाएंगे। जिलाधिकारी बंसल के निर्देश पर मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह ने शहर के विभिन्न स्कूल संचालकों के साथ वार्ता की। इस दौरान स्कूलों के पांच वर्ष के फीस स्ट्रक्चर का परीक्षण भी किया गया।स्कूल तीन वर्ष में अधिकतम 10% की फीस वृद्धि वार्ता में स्कूल संचालकों को सख्त हिदायत दी गई कि उन्हें राइट टू एजुकेशन (आरटीई) एक्ट का पालन करना होगा। स्कूल संचालकों को स्पष्ट कहा गया कि एक्ट के अनुसार स्कूल तीन वर्ष में अधिकतम 10 प्रतिशत की फीस वृद्धि कर सकते हैं।