
उत्तराखंड डेली न्यूज़:ब्योरो

सिरोहबगड़ में करीब तीन दशक से भूस्खलन की समस्या है, ऐसे में एनएच को यात्रा को सुचारू बनाए रखने के लिए जेसीबी को रखना होता है। लेकिन जल्द इस समस्या का समाधान हो सकेगा।
रुद्रप्रयाग- श्रीनगर के बीच में सिरोहबगड़ के भूस्खलन की समस्या दूर करने की तैयारी है। इसके लिए टीएचडीसी ने इलाके का अध्ययन शुरू किया है। अध्ययन के बाद ट्रीटमेंट का सुझाव देगी, उसके आधार पर राष्ट्रीय राजमार्ग काम करेगा। यह रिपोर्ट दो महीने में मिलने की संभावना है।
बदरीनाथ, केदारनाथ धाम यात्रा के लिए श्रद्धालु श्रीनगर- रुद्रप्रयाग से आवागमन करते हैं। इन दोनों जगहों के मध्य में सिरोहबगड़ जगह है, जहां पर करीब तीन दशक से भूस्खलन की समस्या है, ऐसे में एनएच को यात्रा को सुचारू बनाए रखने के लिए जेसीबी को रखना होता है।
मौजूदा भूस्खलन क्षेत्र 70 मीटर लंबाई में फैला हुआ है। अब करीब तीन दशक के बाद इसके ट्रीटमेंट की योजना पर काम शुरू किया गया है। इसके लिए टीएचडीसी को अध्ययन कर सुरक्षात्मक कार्यों के संबंध में रिपोर्ट मांगी गई है। टीएचडीसी के विशेषज्ञों ने प्रारंभिक सर्वे कर लिया है, अब आगे डिटेल अध्ययन किया जाना है। इसके बाद रिपोर्ट के आधार पर मरम्मत का काम होगा।