उत्तराखंड डेली न्यूज़:ब्योरो
देहरादून में आसानी से मिल जाती है सेना जैसी वर्दी, पुलिस ने संज्ञान लेने की कही बात, पहलगाम आतंकी हमले के बाद उठे सवाल,किरनकांत शर्मा, देहरादून: जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया है. 26 बेगुनाह पर्यटकों को इस हिंसा का शिकार बनाया गया, जिससे पूरा देश आक्रोशित है. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार पहलगाम में आतंकी सुरक्षाबलों की यूनिफॉर्म में आए थे. जिसे देख पर्यटक उन्हें पहचान नहीं पाए. इस हमले के बाद कुछ सवाल उठ रहे हैं. दरअसल, कई दफा आतंकी पुलिस या आर्मी जवानों की यूनिफॉर्म का सहारा लेकर ऐसे घृणित कार्य को अंजाम देते रहे हैं. कई ऐसे मामले सामने आ चुके हैं, जहां आतंकियों ने आर्मी ड्रेस की आड़ में अपने मंजूबों को अंजाम देने की कोशिश की,ऐसे में सवाल उठता है कि आखिरकार इन लोगों के पास सेना की वर्दी या हूबहू वैसी दिखने वाली ड्रेस कहां से आती है? इस तरह के कपड़े या अन्य सामान कहां मिलते हैं? क्या बाजार में मिल जाते हैं? क्या इतना आसान है बाजार में सेना जैसे कपड़े मिलना? इस तरह के कई सवाल हैं, जिसे जानने के लिए ईटीवी भारत ने उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में उस बाजार का रुख किया, जहां पर इस तरह के सभी साजो सामान मिलते हैं!सैनिक बाहुल्य क्षेत्र है उत्तराखंड:राजधानी में भारतीय सैन्य अकादमी की वजह से देहरादून का एक बड़ा इलाका सैन्य बाहुल्य है. हालांकि, पूरे उत्तराखंड प्रदेश को ही सैन्य प्रदेश कहा जाता है. क्योंकि, यहां हर गांव, कस्बे से कोई न कोई जवान देश की रक्षा के लिए बॉर्डर पर खड़ा मिलता है. उत्तराखंड देश को दो-दो रेजीमेंट देता है, जिसमें गढ़वाल रायफल्स और कुमाऊं रेजीमेंट शामिल हैं. इसके अलावा तमाम सुरक्षा बल में भी सेवाएं देते हैं. यही वजह है कि यहां के युवाओं में सेना में जाने का जुनून रहता है. सेना की वर्दी देखते ही उनमें देश की सेवा करने का जुनून भर जाता है.दून के डाकरा बाजार में मिलता है हर सामान:देहरादून का डाकरा बाजार में सेना से जुड़ा लगभग हर सामान मिल जाता है. जिन्हें देख युवा मोटिवेट होते हैं. यह बाजार खुखरी के लिए फेमस है. इसके अलावा कुछ दुकानों में सेना जैसे जूते, नेम प्लेट, टोपी से लेकर पेंट-शर्ट के साथ वो हर चीज जो एक सेना के जवान या एक अधिकारी जैसी होती है, वो आसानी से मिल जाती है!सामान आसानी से हो जाता है उपलब्ध:हालांकि, जम्मू कश्मीर की बात करें तो वहां पर अगर कोई भी दुकान से सेना से जुड़ा हुआ कपड़ा या सामान खरीदना है तो खरीददार को अपनी आईडी दिखानी होती है. लेकिन देश के कई राज्यों में ऐसा नहीं है और देहरादून भी उन्हीं में से एक है. यहां पर सेना जैसे जूते, शर्ट, टोपी, नेम प्लेट, डंडा, बेल्ट, पिट्ठू बैग को खुलेआम खरीदा जा सकता है!
UDN ने राजधानी देहरादून के उस बाजार का जायजा लिया, जहां पर ये सभी सामान मिलते हैं. कई सालों से दुकान चला रहे नरेश गुप्ताऔर पीएस गुप्ता बताते हैं कि उनका यह काम 35 से 40 साल पुराना है. यहां पर हर सामान उपलब्ध है. जिसे उचित मूल्य पर खरीदा जा सकता है!नहीं होता है कोई रिकॉर्ड:क्या कोई भी व्यक्ति यहां से सामान खरीद सकता है? इस सवाल पर दुकानदारों का कहना था कि हां, कोई भी किसी तरह का सामान यहां से ले सकता है. हालांकि, दुकानदार ये भी कह रहे हैं कि उनके सभी परिचित ग्राहक हैं, जो हमेशा से उनसे सामान लेते रहे हैं, लेकिन इस तरह का कोई रिकॉर्ड उनके पास नहीं है,बता दें कि देहरादून के पलटन बाजार, डाकरा बाजार, भानियावाला, मोती बाजार जैसे स्थानों पर सेना और पुलिस जैसी ड्रेस आसानी से बेची जा सकती है,पुलिस का अलर्ट:वहीं, पहलगाम हमले के बाद देशभर में अलर्ट जारी किया गया है. उत्तराखंड पुलिस की ओर से देहरादून, हरिद्वार समेत प्रमुख जगहों पर लगातार चेकिंग की जा रही है. वहीं, सेना और पुलिस से जुड़े सामानों की खुलेआम बिक्री को लेकर पुलिस का कहना है कि ये अधिकार केवल सैनिकों को ही है. आम व्यक्ति ऐसी यूनिफॉर्म नहीं पहन सकता!जो भी पुलिस या सेना की वर्दी बेच रहा है, वो सिर्फ सैनिक और पुलिस को ही वर्दी दे सकता है. यही गाइडलाइन है. अगर राजधानी देहरादून में ऐसा हो रहा है तो हम ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे.
– अजय सिंह, एसएसपी देहरादून –
वहीं, इस मामले पर ज्यादा जानकारी के लिए हमने आईजी गढ़वाल रेंज राजीव स्वरूप से बात की. उन्होंने भी यही बात दोहरायी कि सैन्य वर्दी खरीदने या पहनने का अधिकार केवल सेना के जवानों को है.
जहां तक सेना के कपड़े खरीदने की बात है, सेना की वर्दी खरीदने का अधिकार सिर्फ सैनिक को है. बेचने का अधिकार अगर दुकानदार को है तो ये भी देखा जाएगा कि आखिरकार वो किस आधार पर ड्रेस बेच रहे हैं? क्या उनके पास कोई रिकॉर्ड है या नहीं? अगर उनके पास कोई रिकॉर्ड नहीं मिलता तो संबंधित दुकानदार के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. पहले भी इस तरह की चेकिंग करते रहे हैं.
– राजीव स्वरूप, आईजी, गढ़वाल रेंज –
ईटीवी भारत ने इस बारे में ज्यादा जानकारी के लिए नॉर्दन कमांड डिफेंस पीआरओ मनीष श्रीवास्तव से बात की. उनका कहना है कि हरे रंग की आर्मी ड्रेस हम दुकान से खरीदते हैं. हाल ही में डीआरडीओ ने नया ड्रेस भी तैयार किया है जो धीरे-धीरे चलन में आ रहा है. लेकिन अगर ये कपड़े कोई भी बिना रिकॉड के बेच रहा है तो उसके खिलाफ कार्रवाई बनती है. क्योंकि ऐसा करना गैर-कानूनी है, क्या कहता है कानून:पुलिस या आर्मी जैसी वर्दी कोई व्यक्ति पहनता है तो मौजूदा समय में उसके लिए कानून बहुत लचर है. पहले आईपीसी की धारा 274 के तहत इसमें कार्रवाई होती थी, लेकिन अब बीएनएस की धारा 171 के तहत कार्यवाही होती है. एडवोकेट अरुण भदोरियाबताते हैं कि ये बहुत हल्की धारा है. थाने से ही इसमें जमानत है. हैरानी की बात ये है कि ड्रेस पहनकर कोई किसी को धमकता है तो भी यही धारा लगेगी. इसमें कम से कम दो साल की सजा है!2022 में बदला गया सेना का यूनिफॉर्म:2022 को रक्षा मंत्रालय की ओर से बताया गया था कि सेना की नई वर्दी को पेटेंट करवा लिया गया है. इसके राइट्स भारतीय सेना का पास हैं. ये भी साफ किया गया था कि अगर कोई अन्य अनाधिकृत तौर पर सेना की नई वर्दी बनाता या बेचता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो सकती है. जो नई वर्दी डिजाइन की गई थी वो युद्ध के दौरान पहने जाने वाली वर्दी है. 74वें स्थापना दिवस 15 जनवरी 2022 के दिन तत्कालीन सेना प्रमुख (रिटायर्ड) एमएम नरवणे ने इस यूनिफॉर्म को लॉन्च किया था. नई यूनिफॉर्म में नया कपड़ा और कैमोफ्लाज पैटर्न का यूज किया गया है!पहलगाम में आतंकियों ने पर्यटकों पर की थी अंधाधुंध फायरिंग:बता दें कि 22 अप्रैल को जम्मू कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम में बैसरन नामक पर्यटक स्थल में हथियारों से लैस आतंकियों ने पर्यटकों पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी थी. जिसमें 26 से पर्यटकों की मौत हो गई. इस घटना के बाद भारत ने 23 अप्रैल को पाकिस्तान के खिलाफ कड़े फैसले लिए. जिसके तहत सिंधु जल संधि को स्थगित करने से लेकर वाघा-अटारी सीमा को सभी तरह की आवाजाही के लिए बंद करना शामिल है. इसके साथ ही पाकिस्तानी नागरिकों को जारी किए गए सभी वीजा (VISA) रद्द करने को कहा गया है. इसके अलावा पाकिस्तान के इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग में राजनयिक कर्मचारियों की संख्या में काफी कमी करने का फैसला लिया गया है!पाकिस्तान ने भी किया ये ऐलान: उधर, पाकिस्तान ने भी वाघा सीमा बंद करने का ऐलान किया है. साथ भारतीय एयरलाइनों के लिए हवाई क्षेत्र बंद करने की बात कही है. इसके अलावा व्यापार भी निलंबित कर दिया है. साथ ही सिख तीर्थयात्रियों के अलावा सभी भारतीयों को 48 घंटे के भीतर वापस जाने का आदेश दिया है. इतना ही नहीं पाकिस्तान ने 1972 का शिमला समझौता रद्द करने की धमकी भी दी है!
