उत्तराखंड डेली न्यूज़:ब्योरो
2 मई को होगी अगली सुनवाई, सुनवाई के दिन प्रमुख सचिव वन, प्रमुख सचिव सिंचाई, सचिव शहरी विकास और सचिव राजस्व उपस्थित रहेंगे,
नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने देहरादून की विभिन्न नदियों, नालों, खालों में हुए अतिक्रमण को लेकर दायर अलग-अलग जनहित याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई की. मामले की सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से बताया गया कि रिस्पना नदी के किनारे दो अतिक्रमण चिन्हित किये गए हैं!नदियों में अतिक्रमण के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई: अतिक्रमणकारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई और मुकदमा दर्ज करने के सम्बंध में रायपुर देहरादून के थानाध्यक्ष से व्यक्तिगत शपथ पत्र दायर करने को कहा है. मामले की सुनवाई अब 2 मई को होगी. कोर्ट ने अगली सुनवाई के दिन भी प्रमुख सचिव वन आरके सुधांशु, प्रमुख सचिव सिंचाई डॉ राजेश कुमार, सचिव शहरी विकास नीतीश कुमार झा और सचिव राजस्व एसएन पांडे को कोर्ट में उपस्थित रहने को कहा है. हाईकोर्ट के आदेशों के अनुपालन की रिपोर्ट देने को कहा है!दो मई को होगी अगली सुनवाई: मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी. नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की कोर्ट ने देहरादून क्षेत्र में नदी नालों बिना मानचित्र स्वीकृति के किए जा रहे अवैध निर्माण तुरंत रोकने को कहा है. सोमवार को हुई सुनवाई पर सरकार की ओर से कहा गया कि उन्होंने कोर्ट के आदेश की अनुपालन रिपोर्ट कोर्ट में पेश कर दी है. कोर्ट के आदेश के अनुसार ही पूर्व में एक कमेटी गठित कर सर्वे किया गया है और अतिक्रमण को चिन्हित किया गया!याचिकाओं में लगाया गया है ये आरोप: मामले के अनुसार अजय नारायण शर्मा, रेनू पाल व उर्मिला थापर ने उच्च न्यायालय में अलग अलग जनहित याचिका दायर कर कहा है कि देहरादून में सहस्त्रधारा में जलमग्न भूमि में भारी निर्माण कार्य किए जा रहे हैं. इससे जल स्रोतों के सूखने के साथ ही पर्यावरण को खतरा पैदा हो रहा है. जबकि दूसरी याचिका में कहा गया है कि ऋषिकेश में नालों, खालों और ढांग पर बेइंतहां अतिक्रमण और अवैध निर्माण किया गया है. तीसरी जनहित याचिका में यह भी कहा गया है कि देहरादून में 100 एकड़, विकासनगर में 140 एकड़, ऋषिकेश में 15 एकड़, डोईवाला में 15 एकड़ करीब नदियों की भूमि पर अतिक्रमण किया जा चुका है!लक्सर से बाणगंगा सफाई अभियान शुरू: इधर लक्सर में हरिद्वार सांसद पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बाणगंगा को स्वच्छ बनाने के लिए अभियान शुरू किया है. उन्होंने लक्सर में जनप्रतिनिधियों और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ मिलकर विधि विधान के साथ पूजा अर्चना हवन करते हुए गंगा सफाई अभियान की शुरुआत कर दी है. सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि विश्वभर में नदियों का जलस्तर कम होने से ग्लोबल वार्मिंग और पेयजल संकट जैसी कई गंभीर समस्याएं पैदा हो रहीं हैं. देश में सरस्वती नदी इसका बड़ा उदाहरण है. नदियों के प्रदूषित होने और जलस्तर कम होने के कई गंभीर परिणाम अभी से दिखने लगे हैं. हम सभी को इसके लिए सचेत होने की आवश्यकता है!सांसद त्रिवेंद्र रावत ने शुरू किया अभियान: उन्होंने बताया कि जनपद में पश्चिम बहनी बाणगंगा नदी को स्वच्छ बनाने के लिए निर्बल निर्धन विधिक सहायता समिति और देवभूमि सेवा संस्थान के सहयोग से अभियान शुरू किया जा रहा है. इसमें कई संगठनों के अलावा जनप्रतिनिधियों का सहयोग रहेगा. बताया कि आीआईटी रुड़की के विशेषज्ञों द्वारा नदी का निरीक्षण कर लिया गया है. पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि कुछ समय पहले लक्सर तहसील प्रशासन द्वारा पंचलेश्वर घाट की सफाई की गई थी, मगर लोगों की अनदेखी व घरों का सामान व पूजा पाठ की सामग्री को बहाने से फिर दूषित हो गई है, जो कि एक चिंता का विषय है!त्रिवेंद्र रावत ने बताया ये लक्ष्य: त्रिवेंद्र ने कहा कि वैसे तो यह 23 किलोमीटर की अविरल धारा बह रही है. मगर अभी 11 किलोमीटर का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसकी सफाई कर निर्मल व स्वच्छ जल प्रवाह किया जा सके. उन्होंने कहा कि इस पावन पुण्य के लिए सभी लोगों को तन मन से आगे आना चाहिए. इसको देश हित में व हमारे पुराणों में साक्षात धरती पर दिखने वाली मां गंगा की रक्षा करने के लिए कदम उठाने चाहिए. साथ ही उन्होंने यह भी कहा जब तक यह कार्य लक्ष्य तक पूर्ण होता है, तब तक आप लोगों के नगर, ग्रामीण क्षेत्रों में रहकर और इस कार्य में स्वयं आप लोगों के साथ हाथ से हाथ मिलाकर इस पुणे कार्य में भागीदार रहेंगे! वहीं हरिद्वार आश्रम से पहुंचे ऋषिआनंद ने कहा कि हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने एक भागीरथ के रूप में गंगा के पुनर्जीवित होने के लिए स्वच्छता अभियान चलाया है. हमें लगता है उनकी इस शुरुआत से बाणगंगा स्वच्छ व निर्मल होगी. स्वच्छता अभियान में जहां सैकड़ों की संख्या में जनप्रतिनिधि व स्कूली बच्चों ने सहयोग किया!
