उत्तराखंड डेली न्यूज़:ब्योरो
हल्द्वानी। केंद्रीय सड़क परिवहन राजमार्ग राज्यमंत्री अजय टम्टा के निर्देश के बाद जिला प्रशासन से लेकर एनएच विंग तक के अधिकारी हरकत में आ गए। अफसरों ने बृहस्पतिवार को काठगोदाम से गुलाबघाटी होते हुए ज्योलीकोट तक राष्ट्रीय राजमार्ग का निरीक्षण कर सड़क चौड़ीकरण की संभावनाएं तलाशीं। तय किया गया कि गुलाबघाटी व रानीबाग में नदी की ओर तीन-तीन मीटर चौड़ी दीवार बनाकर वहां सड़क चौड़ी की जाएगी।बुधवार को टम्टा ने काठगोदाम से कैंची धाम तक हर रोज लग रहे जाम से निपटने के लिए अधिकारियों के साथ वर्चुअल बैठक की थी। उन्होंने बड़े प्रोजेक्ट शुरू होने या उनके पूरा होने तक छोटी संभावनाओं पर तत्काल काम शुरू करने को कहा था। उनके निर्देश के बाद अगले ही दिन एडीएम विवेक रॉय के नेतृत्व में एनएच और प्रशासन के अधिकारियों ने गुलाबघाटी से ज्योलीकोट तक सड़क का निरीक्षण किया।एनएच के अधिशासी अभियंता प्रवीण कुमार ने सुझाव दिया कि रानीबाग में सड़क के दोनों ओर तीन-तीन मीटर सड़क चौड़ी हो सकती है। उन्होंने रानीबाग तिराहे पर (पुलिस चैक पोस्ट के पीछे) भीमताल व नैनीताल रोड के बीच स्थित गड्ढे में मलबा भरकर सड़क को चौड़ा करने का सुझाव दिया। कहा कि इससे रानीबाग तिराहे पर वाहनों की आवाजाही सुचारु रूप से हो सकेगी। एडीएम रॉय ने इन प्रस्तावों को मौखिक स्वीकृति देते हुए शीघ्र कार्य शुरू करने के निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान नैनीताल के एसडीएम नवाजिश खलीक आदि भी मौजूद रहे।
कलसिया नाले पर अधिक भार क्षमता का मॉडल ब्रिज बनेगा
एडीएम ने काठगोदाम क्षेत्र में कलसिया नाले पर बने बैली ब्रिज व पुराने पुल को पर्याप्त न मानते हुए अन्य संभावनाओं के लिए भी निरीक्षण किया। साथ में मौजूद एनएच के ईई प्रवीण कुमार ने एडीएम को बताया कि उच्चाधिकारियों के निर्देश पर बैली ब्रिज के स्थान पर अधिक भार क्षमता का मॉडल ब्रिज बनाने का प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा जा रहा है। सामान्य ब्रिज के मुकाबले यह मॉडल ब्रिज कहीं कम समय में बनकर तैयार हो जाता है। उन्होंने कहा कि मंत्रालय के एडीजी सुदीप चौधरी समेत अन्य अधिकारियों ने इस प्रस्ताव को जल्द स्वीकृति दिलाने का आश्वासन भी दिया है।
कैंची बाईपास के साल भर में तैयार होने के आसार
हल्द्वानी। प्रांतीय खंड लोनिवि नैनीताल के ईई रत्नेश सक्सेना का कहना है सेनिटोरियम से रातीघाट तक बाईपास निर्माण का काम चल रहा है। कुल 19 किलोमीटर के इस बाईपास में से आठ किलोमीटर सड़क बनकर तैयार हो चुकी है। वन भूमि के चलते बाकी काम रुका हुआ है। डेढ़-दो माह में क्लीयरेंस मिलने की उम्मीद है। उन्होंने उम्मीद जताई है कि साल भर के भीतर यह बाईपास बनकर तैयार हो जाएगा।
