उत्तराखंड डेली न्यूज़:ब्योरो
उत्तराखंड के जनपद रुद्रप्रयाग गांव “लुंगाई डूंगरी” रतूड़ा ,के जंगल आग से धधक रहे हैं। आग लगने मुख्य कारण कुछ असमाजिक और गैर जिम्मेदार लोगों ने सुनहरे हरे भरे जंगलों को पिकनिक स्पॉट बना दिया है,जब इस प्रकार के लोग हरे,भरे जंगलों की और पिकनिक मनाने जाते हैं ,तो जलते धूम्र पान का सेवन कर,जंगल में फैंक देते हैं,जंगल मैं इन दिनों चीड़ के पेड़ से सूखी हुई पीरूल गिरती रहती है,जिसके कारण जंगल में आग लगने के अवसर अधिक होते हैं।
बता दें ,राज्य सरकार ने पीरूल को लेकर एक ठोस योजना भी बनाई है, उत्तराखंड राज्य के कुछ जनपदों मैं इस योजना पर कार्य भी चल रहा है। जंगलों मैं आग लगने से ग्रामीणों की लकड़ी ,घास आदि समाप्त हो जाता है,इस दौरान जंगली जीव जंतु,जो जंगल पर निर्भर रहते हैं,वह गांव की तरफ आना शुरू का देते हैं,और ग्रामीणों को जंगली जानवरों का भय बना रहता है, क्योंकि कुछ गांव जंगलों से सटे रहते हैं,बता दें,जब इस प्रकार की वन अग्नि का सामना ग्रामीणों को करना पड़ता है, तो ग्रामीण स्वयं आग को बुझाने का मोर्चा संभाल लेते हैं। संबंधित विभाग को जब ग्रामीण आग लगने की सूचना देते हैं तो विभाग गहरी नींद मैं सोया रहता है,जब आग धधकती हुई गांव के नज़दीग पहुंचती है,तब संबंधित विभाग जागता है। ग्रामीणों का कहना है,
इस प्रकार की वन आपदा से निपटने के लिए,सरकार को सख्त नियम और संसाधन ग्रामीणों के बचाव के लिए,ठोस रणनीति तैयार करनी चाहिए।
