उत्तराखंड डेली न्यूज़ :ब्योरो
घूमने के लिए अगर आप किसी बेहतरीन जगह की तलाश में हैं, आपको एडवेंचर एक्टिविटीज़ काफी पसंद हैं, तो एक बार नैनीताल में ईको केव गार्डन जरूर जाइए. यहां गुफाओं को टाइगर, पैंथर, बैट, फ्लाइंग फॉक्स, पोर्क्यूपाइन और एप्स जैसे जानवरों के नाम पर डिज़ाइन किया गया है. यहां का नजारा और अनुभव आपका और आपके परिवार को दिन शानदार बना देगा।नैनीताल:- उत्तराखंड की खूबसूरत सरोवर नगरी नैनीताल केवल अपनी नैनी झील, स्नो व्यू और नैना देवी मंदिर के लिए ही प्रसिद्ध नहीं है, बल्कि अपने पर्यटक स्थलों के लिए भी काफी मशहूर है. यहां कई ऐसे पर्यटक स्थल हैं जहां जाकर दिन बन जाता है. इन्हीं पर्यटक स्थलों में से एक है नैनीताल का ईको केव गार्डन. नैनीताल के सूखाताल क्षेत्र में स्थित यह गार्डन खासकर बच्चों, परिवारों और एडवेंचर एक्टिविटीज़ के शौकीनों के लिए एक बेहतरीन स्थान बन चुका है. ईको केव गार्डन की सबसे बड़ी खासियत यहां मौजूद छह रोमांचक गुफाएं हैं।यहां मिलता है शानदार अनुभव
केव गार्डन के कर्मचारी संतोख बताते हैं कि इन गुफाओं को टाइगर, पैंथर, बैट, फ्लाइंग फॉक्स, पोर्क्यूपाइन और एप्स जैसे जानवरों के नाम पर डिज़ाइन किया गया है. हर गुफा की बनावट और रास्ता इस तरह से बनाया गया है कि मानो आप किसी असली जंगल के जीवों के घर में प्रवेश कर रहे हों. संकरे रास्ते, कम रोशनी और टेढ़े-मेढ़े गलियारों से गुजरना, बच्चों और बड़ों दोनों के लिए एक साहसिक अनुभव बन जाता है. गुफाओं के भीतर और बाहर लगाई गई साउंड सिस्टम की व्यवस्था इस अनुभव को और अधिक रोचक बना देती है. जैसे ही आप किसी गुफा में प्रवेश करते हैं, संबंधित जानवरों की आवाजें सुनाई देती हैं, जिससे लगता है जैसे आप किसी असली जंगल में मौजूद हैं. बच्चों के चेहरे पर हैरानी और खुशी का मिलाजुला भाव देखना अपने आप में खास अनुभव होता है।टॉकिंग ट्री करता है वेलकम
आपको बता दें, गार्डन के प्रवेश द्वार पर लगा ‘टॉकिंग ट्री’ यानी बोलने वाला पेड़, एक और बड़ा आकर्षण है. संतोख बताते हैं कि यह सेंसर-बेस्ड आर्टिफिशियल पेड़ जैसे ही किसी पर्यटक को पास आता देखता है, वह खुद-ब-खुद बोलने लगता है. यह पर्यटकों का स्वागत करता है, पर्यावरण संरक्षण का संदेश देता है और गार्डन की जानकारी भी साझा करता है।
