उत्तराखंड डेली न्यूज़: ब्योरो

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता मे दिनांक 16.05.2025 को हुई मंत्री मण्डल की बैठक में कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई जिसमें किशोर न्याय अधिनियम 2015 की धारा 110 के तहत धारा 105 में दिये गये प्रावधानुसार राज्य सरकार द्वारा 18 वर्ष से कम उम्र के देखरेख एवं संरक्षण की आवश्यकता वाले तथा कानून का उल्लंघन करने वाले बालकों के कल्याण और पुर्नवास एवं सामाजिक पुर्नएकीकरण के लिए, महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास/महिला कल्याण विभाग की किशोर न्याय निधि नियमावली 2025 को अनुमोदित करते हुए मंजूरी प्रदान की गयी है किशोर न्याय निधि नियमावली 2025 का उपयोग बाल देखरेख संस्था में रहने वाले समस्त बच्चों को पाठ्योत्तर गतिविधियों जैसे- शिक्षा, खेल, संगीत, नृत्य, अभिनय, क्लब आदि की सुविधाएँ प्रदान की जायेंगी। उन्हे समाज की मुख्य धारा में जोड़ने एवं धनराशि प्रदान करने, लघु व्यवसाय प्रारम्भ करने, उन्हें सक्षम बनाने हर्तु मूलभूत सहायता, सुविधाएँ व उद्यमिता विकास प्रशिक्षण की व्यवस्था की जायेगी। 18 वर्ष से अधिक आयु के संस्थागत देखरेख में रह रहे दिव्याग व मानसिक रूप से अक्षम बच्चों को व्यवसायिक प्रशिक्षण प्रदान किया जायेगा। इसके साथ ही केन्सर / गंभीर बीमारी से पीड़ित बालकों को (Palliative Care) देखरेख की सुविधा, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के नशा करने वाले बच्चों को नशा मुक्ति पुर्नवास केन्द्रो में भेजना व चिकित्सीय एवं अन्य पुर्नवास व्यय वहन करना, आपदा प्रभावित बच्चों को सहायता प्रदान करना, वन्य जीव एवं मानव संघर्ष से पीड़ित परिवार के बच्चो को चिकित्सा एवं अन्य उद्देश्य से सहायता प्रदान करना, पोक्सो पीड़ित / लैगिंक अपराध पीड़ित बच्चों की तत्काल देखरेख एवं संरक्षण की आवश्यकताओं की दृष्टिगत आपातकालीन धनराशि उपलब्ध कराना। किशोर न्याय निधि 2025 से अच्छाादित विभिन्न परिस्थितियों से पीड़ित बालकों को न्यूनतम रूपये 5000/- व अधिकतम रूपये 25,000/- तक की आर्थिक सहायता प्रदान की जायेगी।