उत्तराखंड डेली न्यूज़: ब्योरो
रिपोर्ट्स के अनुसार, इस साल अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र का मेल नहीं होने से जन्माष्टमी की तिथि को लेकर भ्रम की स्थिति है। ऐसे में उदया तिथि के आधार पर जन्माष्टमी मनाना उचित माना जाता है। इस लिहाज़ से जन्माष्टमी 16-अगस्त को पड़ेगी। रात्रि पूजा का शुभ-मुहूर्त समय 16-17 अगस्त की मध्यरात्रि 12:04 बजे से 12:47 बजे तक है।
