उत्तराखंड डेली न्यूज़: ब्योरो
जन्माष्टमी के व्रत को 100 एकादशी व्रत के बराबर माना जाता है। आज रखे व्रत से भगवान श्री कृष्ण प्रसन्न होते हैं और सारी मनोकामनाओं को पूरा करते हैं। अगर आप व्रत से जुड़ी कुछ चीजों को लेकर कन्फ्यूज हैं तो नीचे व्रत के नियम विस्तार से पढ़ें…नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल…जी हां आज लोगों के उत्साह का लेवल ठीक ऐसे ही रहता है। हर तरह जन्माष्टमी की धूम दिखती है। देश भर के मंदिरों में जन्माष्टमी मनाई जाती है। वहीं घरों में भी लोग जन्माष्टमी की झांकी सजाते हैं। इस दौरान कई लोग जन्माष्टमी का व्रत भी रखते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार जन्माष्टमी के व्रत को 100 एकादशी के व्रत के बराबर माना जाता है। आज सच्चे मन से व्रत रख लिया जाए तो श्री कृष्ण हर मनोकामना पूरी कर देते हैं। अब ऐसे में सवाल ये आता है कि आखिर इस व्रत में क्या खाएं और क्या ना खाएं? सबसे बड़ा सवाल ये भी है कि आखिर जन्माष्टमी का व्रत खोला कैसा जाए? नीचे विस्तार से जानें जन्माष्टमी के व्रत से जुड़े नियमों के बारे में…व्रत खोलने के बाद खाएं ये चीज
मान्यता के हिसाब से जन्माष्टमी की पूजा के दौरान खीरे के साथ श्री कृष्ण का जन्म करवाकर उनके 108 नामों का जाप करना चाहिए। जन्माष्टमी की विधि विधान से पूजा करने के बाद भगवान के भोग प्रसाद को ग्रहण करके ही अपना व्रत खोलना चाहिए। इसके बाद बाकी चीजों को ग्रहण कर सकते हैं। कोशिश करें कि व्रत खोलते वक्त भोग प्रसाद के साथ-साथ फल को ग्रहण किया जाए। इस दौरान ध्यान रहे कि आपको तामसिक चीजों का सेवन नहीं करना है। साथ ही आज के दिन प्याज लहसुन से बनी कोई भी चीज नहीं खानी है।
जन्माष्टमी का शुभ मुहूर्त
कृष्ण जन्माष्टमी को हर साल भाद्रपद वाले महीने में ही मनाया जाता है। इस महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कृष्ण जन्माष्टमी होती है। आज रात जन्माष्टमी मनाई जाएगी और पूजा का शुभ मुहूर्त है 12 बजकर 4 मिनट से लेकर 12 बजकर 47 मिनट तक। पूजा के लिए कुल 43 मिनट का समय होगा। इसी बीच श्री कृष्ण की आरती और उनके 108 नामों का जाप करना कई शुभ फल देता है।
