उत्तराखंड डेली न्यूज़ :ब्योरो
पिथौरागढ़। दिन भर जुड़वा ममेरे भाइयों संग मस्ती कर रात में मां के साथ सुकून की नींद सो रहे प्रिंस और परिवार वालों को क्या पता था कि काल देर रात उसे 300 मीटर की ऊंचाई से अपने आगोश में ले लेगा। मां के आंचल की ओट में सोया मासूम अब कभी आंखें नहीं खोलेगा। बच्चे की मां शालिनी जो छह माह की गर्भवती भी है रोते-रोते बेसुध हो जा रही है। इस घटना से पूरे परिवार में मातम छाया है।11 साल का पूज्य कुमार उर्फ प्रिंस अपनी मां शालिनी और पिता सुनील के साथ तीन दिन पूर्व पूजा में शामिल होने के लिए दिल्ली के भरतपुर से नैनीसैनी के पास स्थित देवत गांव अपने ननिहाल आया था। पहाड़ों की वादियां, चारों ओर ऊंचे-ऊंचे पहाड़, मामा-मामी और जुडवा ममेरे भाइयों से मिलकर उसकी खुशी देखते ही बन रही थी। दोनों मामा रघुवीर प्रसाद, नरेश प्रसाद और प्रिंस के पिता सुनील सोमवार की रात होेने वाली पूजा के लिए घर से निकल गए थे। प्रिंस, उसकी मां शालिनी, रघुवीर की पत्नी सोनिया देवी, नरेश की पत्नी गीता देवी और उसके जुड़वा बेटे सात वर्षीय सत्यम और शिवम ही घर में थे। प्रिंस अपने जुड़वा भाइयों के साथ खेलने में लगा था जबकि उसकी मां और दोनों मामियां बातचीत कर खाना बनाने में लग गईं। सभी ने साथ खाना खाया। फिर एक साथ कमरे में सो गए। देर रात गांव के ऊपर स्थित पहाड़ी से काल प्रिंस पर झपट पड़ा। घर में सुकून से सो रहे लोगों को कुछ पता चल पाता, इससे पहले ही घर की दीवार तोड़ते हुए पहाड़ी से बोल्डरों ने बिस्तर पर सो रहे प्रिंस को राैंद दिया।पत्थरों के झटके से बिस्तर से नीचे गिरी छह माह की गर्भवती शालिनी ने सबसे पहले अपने जिगर के टुकड़े को खोजा। बेटे को बोल्डर के नीचे दबा देखकर उसकी चीख निकल गई। हादसे में सोनिया, सत्यम को गंभीर तो गीता देवी और शिवम को हल्की चोटें आई हैं। बोल्डरों की गड़गड़ाहट और बचाओ-बचाओ का शोर सुनकर गांव वाले मौके पर पहुंचे। देर रात ही सूचना पर पहुंची एसडीआरएफ की टीम ने राहत-बचाव का कार्य शुरू किया। कड़ी मशक्कत के बाद बोल्डरों में दबे प्रिंस के शव को बाहर निकाला गया। सूचना पर शालिनी के पति और दोनों भाई भी घर पहुंच गए। घर का नजारा देखकर उनको कुछ देर समझ में ही नहीं आया कि आखिर ये क्या हो गया। बेटे की मौत से पिता सुनील सदमे में चले गए जबकि बदहवास शालिनी थोड़ा होश में आने पर रोते-रोते प्रिंस को आवाज लगाती रही लेकिन मासूम प्रिंस अब मां के आंचल से इतनी दूर जा चुका था कि वहां तक उसकी आवाज नहीं पहुंच सकती थी।
जुड़वा मासूमों को छूकर निकली मौत
देवत गांव में घटी घटना में जुड़वा भाई सत्यम और शिवम का भी मौत से आमना-सामना हुआ लेकिन दोनों की जिंदगी ने मौत को मात दे दी और काल उन्हें छूकर निकल गया। देवत निवासी नरेश प्रसाद की पत्नी गीता देवी अपने सात वर्षीय जुड़वा बच्चों सत्यम और शिवम के साथ ननद शालिनी के बगल में लगे बिस्तर पर सोई थी। पहाड़ी से बोल्डरों का गिरना शुरू हुआ। कई बोल्डर तेज रफ्तार के साथ घर की दीवार को तोड़ते हुए भीतर घुस गए। बोल्डर जब चारपाई से टकराए तो गीता और उसके दोनों बच्चे छिटककर बिस्तर से नीचे गिरकर सुरक्षित बच गए। हालांकि तीनों को चोटें आई हैं।
पूंजी जोड़कर बनाया मकान, एक झटके में हुआ ध्वस्त
एक साथ रहने वाले दोनों भाई रघुवीर प्रसाद और नरेश प्रसाद प्राइवेट नौकरी कर परिवार का पालन-पोषण करते हैं। दोनों ने बमुश्किल पूंजी जोड़कर अपने सपनों का घर बनाया था। दो साल पहले ही घर का निर्माण पूरा हुआ था। सोमवार की रात एक झटके में ही उनके सपनों का घर ध्वस्त हो गया। दोनों भाइयों को घर के टूटने से अधिक भांजे की मौत का दुख है। पूजा में शामिल होने के लिए बहन, बहनोई और भांजे को बुलाया गया था लेकिन इस भयानक घटना में भांजा उनसे हमेशा के लिए जुदा हो गया।
गांव का विस्थापन नहीं हुआ तो हो सकती है बड़ी घटना
देवत गांव आपदा की दृष्टि से संवेदनशील है। ग्रामीणों ने बताया कि पहले भी पहाड़ी से बोल्डर गिरने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। इस बार बोल्डर काल बनकर एक मकान पर गिरे। उन्होंने बताया कि अब भी पहाड़ी पर कई बोल्डर लटके हैं जिन्हें हटाना जरूरी है। ग्रामीणों ने बताया कि पूर्व में शासन-प्रशासन से सुरक्षा की गुहार लगाई गई। उनके गांव को सुरक्षित स्थान पर विस्थापित करने की मांग की गई लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई है। स्थानीय लोगों ने अंदेशा जताया कि यदि गांव का विस्थापन नहीं किया तो भविष्य में इस तरह की और घटनाएं सामने आ सकती हैं। इस घटना के बाद सभी ग्रामीण दहशत में हैं।
चार मंदिर भी हुए क्षतिग्रस्त
गांव के ठीक ऊपर पहाड़ी पर गंगनाथ, भैरव, कालसिल सहित चार मंदिर थे। पहाड़ी से गिरे बोल्डरों की चपेट में आने से सभी मंदिर क्षतिग्रस्त हो गए हैं। मंदिरों की छत और गुंबद को काफी नुकसान पहुंचा है। ग्रामीणों ने मंदिरों, घर के नुकसान का आकलन कर मृतक के परिजनों और पीड़ित परिवार को मुआवजा देने की मांग की है।
