उत्तराखंड डेली न्यूज़: ब्योरो
मुजफ्फरनगर। सीटी स्कैन के लिए डॉक्टर का परामर्श जरूरी होता है। इसके उलट स्वामी कल्याण देव जिला चिकित्सालय में डॉक्टर की नहीं, बल्कि मात्र 400 रुपये की जरूरत पड़ती है। दिलचस्प बात यह है कि मरीज को डॉक्टर से मिलने की जरूरत नहीं। वेटिंग का झंझट खत्म। एप्रेन पहनकर घूमने वाले कुछ दलाल सौदा तय करते हैं। इसके बाद कोई रुकावट नहीं आती। रिपोर्ट भी मिलेगी और यह भी लिखा होगा कि किस डॉक्टर ने रेफर किया था।जिला अस्पताल में मरीजों की सुविधा के लिए नि:शुल्क सीटी स्कैन की व्यवस्था की गई थी लेकिन कर्मचारियों की मिलीभगत और अस्पताल परिसर में घूमने वाले दलालों की सक्रियता के चलते व्यवस्था आमजन के लिए पीड़ा बन गई है। सीटी स्कैन के लिए चक्कर काट रहे मरीज को 400 रुपये देने पड़े। चिकित्सक का परामर्श भी आवश्यक नहीं है। जिला अस्पताल में स्टिंग के दौरान एप्रेन पहने युवक ने साफ कहा कि अगर सीटी स्कैन कराना है तो 400 रुपये तो देने होंगे। इनमें 300 रुपये स्टॉफ के लिए और 100 रुपये डॉक्टर को देने पड़ते हैं। गरीबी का हवाला दिया गया, लेकिन युवक नहीं माना। फिर 500 रुपये का नोट थमाया तो युवक ने 100 रुपये वापस भी कर दिए।
परामर्श स्लिप जेब में लेकर घूम रहा था दलाल
जिला अस्पताल में एप्रेन पहने युवक ने 400 रुपये लेकर चिकित्सक के परामर्श बिना ही सीटी स्कैन करा दिया। उसके पास चिकित्सक की ओर से हस्ताक्षर की गई एडवाइस स्लिप पहले से ही मौजूद थी। जिला अस्पताल में संचालित स्टार इमेजिंग एंड पैथ लैब कक्ष में मरीज को ले जाया गया और सीटी स्कैन कर रिपोर्ट के लिए कंप्यूटराइज्ड स्लिप भी सौंप दी गई। रिपोर्ट आई तो उसमें जिला अस्पताल के वरिष्ठ परामर्शदाता डॉ. अशोक कुमार की ओर से मरीज को रेफर दिखाया गया जबकि मरीज डॉक्टर से मिला ही नहीं।स्थान: जिला अस्पताल में स्टार सीटी स्कैन पैथ लैब मरीज: सिटी स्कैन कराना है, लेकिन पैसे नहीं है, कैसे हो सकता है। ऐसा संभव नहीं। यहां 400 रुपये लगेंगे। जिसमें 300 रुपये स्टाफ लेगा और 100 रुपये डॉक्टर को देने होंगे। रुपये भी पहले देने पड़ेंगे। उसके बाद ही सीटी स्कैन हो सकेगा।
तीमारदार : कुछ पैसे कम कर लो। गरीब आदमी हैं।
दलाल : संभव नहीं है, कराना है तो कराओ। नहीं तो आगे जाओ।
जांच के नाम पर वसूली मिलने पर होगी कड़ी कार्रवाई: सीएमएस
जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ.संजय वर्मा का कहना है कि वह जांच कराकर अनियमितता बरत रहे कर्मियों पर कार्रवाई करेंगे। दलाली करने वालों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। सीटी स्कैन के नाम पर रुपये लेने वाले की जांच होगी।
