उत्तराखंड डेली न्यूज़: ब्योरो
देहरादून : उत्तराखंड हेरिटेज स्कूल ऑफ़ मीडिया एंड एड्वान्सड स्टडीज़, और सेन्गुइन वी केयर वेलफेयर सोसाइटी ने, के. के टावर कारगी रोड देहरादून में, शिक्षक दिवस के पावन अवसर पर, *“डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन राष्ट्रीय शिक्षक सम्मान 2025”* समारोह का आयोजन किया जिसमें उत्कृष्ट कार्य करने वाले शिक्षकों, प्राचार्यों, प्रोफेसरों और शैक्षणिक विशेषज्ञों को उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत में, *उत्तराखंड हेरिटेज स्कूल ऑफ़ मीडिया एंड एड्वान्सड स्टडीज़ की संस्थापक एवं निदेशक डॉ. कंचन नेगी एवं सह – संस्थापक एवं बर्सर डॉ. के.एस.नेगी और सेंटर हेड सुशीला नेगी ने* *मुख्य अतिथि डॉ. धन सिंह रावत, मा. कैबेनिट मंत्री उच्च शिक्षा, स्वास्थ्य एवं सहकारिता एवं विशिष्ट अतिथि डॉ. सुरेखा डंगवाल, कुलपति दून विश्वविद्यालय शौल, पौधा, पहाड़ी टोपी और स्मृति चिन्ह भेंट कर स्वागत किया* जिसके बाद डॉ. कंचन नेगी ने स्वागत सम्बोधन दिया और कार्यक्रम की रूपरेखा बताई और कहा कि शिक्षा ही समाज की धुरी है. स्वागत उपरांत संस्थान की संस्थापक एवं अंतरराष्ट्रीय शिक्षा विदुषी डॉ. कंचन नेगी ने मंच से अपने प्रेरणादायी स्वागत सम्बोधन द्वारा सभी अतिथियों, शिक्षकों और सम्मानित प्रतिभागियों का अभिनंदन किया। उन्होंने समारोह की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए कहा कि –शिक्षा ही समाज की वास्तविक धुरी है, जो व्यक्ति को ज्ञान ही नहीं बल्कि संस्कार, आत्मविश्वास और जीवन जीने की कला प्रदान करती है। शिक्षक वह आधार हैं जिन पर राष्ट्र की मजबूत नींव खड़ी होती है।” डॉ. नेगी ने आगे कहा कि इस प्रकार के आयोजन केवल सम्मान का प्रतीक नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा-स्रोत भी हैं। उन्होंने उपस्थित सभी शिक्षकों को राष्ट्रनिर्माण के अदृश्य नायक बताते हुए उनकी भूमिका को अमूल्य बताया। कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए, कुलपति डॉ. सुरेखा डंगवाल ने अपने सम्बोधन में शिक्षा दिवस के महत्व के बारे में बताया कि शिक्षा मात्र अध्ययन-लिखने का माध्यम नहीं है, बल्कि यह व्यक्ति के चरित्र निर्माण, नैतिक विकास और सामाजिक उत्तरदायित्व की नींव है। जब तक शिक्षा में सत्य, धैर्य, नैतिकता जैसे मूल्यों का समावेश नहीं होगा, तब तक वह निर्जीव रहेगी। उन्होंने आगे बताया कि एक शिक्षित व्यक्ति न केवल बेहतर नागरिक बनता है, बल्कि देश के विकास में भी एक सक्रिय और संवेदनशील योगदानकर्ता सिद्ध होता है। शिक्षा से मनुष्य भीतर से जाग्रत और जिम्मेदार बनता है—वह अपने अधिकारों के साथ-साथ अपने कर्तव्यों से भी परिचित होता है। शिक्षा का वास्तविक उद्देश्य केवल पेशेवर सफलता नहीं, बल्कि एक बेहतर इंसान बनाना है—जो समाज के लिए योगदान दे, राष्ट्र का गौरव बढ़ाए, तथा आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बने. इस अवसर पर मुख्य अतिथि डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि शिक्षक ही वह दीपक हैं। जो स्वयं जलकर अंधकार मिटाते हैं और समाज को उज्ज्वल भविष्य की दिशा दिखाते हैं। “गुरु बिना ज्ञान नहीं, और ज्ञान बिना जीवन नहीं– यह संदेश इस समारोह का मूल था। उन्होंने यह भी कहा कि आज भारत के डॉक्टर, इंजीनियर, वैज्ञानिक और प्रशासक किसी न किसी शिक्षक के मार्गदर्शन और आशीर्वाद के कारण ही सफल हुए हैं। कार्यक्रम के आयोजक डॉ. कंचन नेगी को विशेष रूप से सराहते हुए कहा गया कि वे अंतरराष्ट्रीय शिक्षा क्षेत्र की प्रतिष्ठित व्यक्तित्व हैं, जिन्हें 57 से अधिक अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय सम्मान प्राप्त हैं। उनके प्रेरक नेतृत्व में उत्तराखंड हेरिटेज स्कूल ऑफ मीडिया एंड एडवांस्ड स्टडीज़ (UHSMAAS) ने शिक्षा और व्यक्तित्व विकास के क्षेत्र में नए मापदंड स्थापित किए हैं।
UHSMAAS का टैगलाइन “Creating Professionals” आज अपनी पूरी सार्थकता के साथ दिखाई दे रहा है। संस्थान में होटल मैनेजमेंट, पर्यटन, मीडिया और पत्रकारिता जैसे रोजगारपरक कोर्स के साथ-साथ योग और ज़ुम्बा जैसे कार्यक्रम भी छात्रों और समाज के समग्र विकास को प्रोत्साहित कर रहे हैं। साथ ही, ABS कोचिंग हब और Academy for Brave Souls जैसे मंचों के माध्यम से छात्रों को बोर्ड परीक्षाओं और प्रतियोगी परीक्षाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए तैयार किया जा रहा है। समारोह में उपस्थित सभी सम्मानित शिक्षकों को याद दिलाया गया कि उनका कार्य केवल ज्ञान बाँटना नहीं, बल्कि जीवन जीने की कला सिखाना है। इस आयोजन ने शिक्षक दिवस के महत्व को और भी गौरवशाली बना दिया। अंत में संस्थान की संस्थापिका डॉ. कंचन नेगी ने सभी का कार्यक्रम की शोभा बढाने के लिए धन्यवाद दिया ,अंत में, सभी पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों और शिक्षाविदों को हार्दिक बधाई दी गई और उनके समर्पण को समाज और राष्ट्र निर्माण में प्रेरक बताया गया। मा. मुख्य अतिथि द्वारा इन्हें किया गया सम्मानित : विद्या सागर – द बेस्ट करियर काउंसलर एवं स्टूडेंट गाइड ऑफ़ द ईयर; स्वाती उनियाल, प्रधानाचार्य द हिमालयन पब्लिक स्कूल – द आउटस्टेंडिंग प्रिंसिपल ऑफ़ द ईयर; संगीता सोफट, समरवैली स्कूल – द बेस्ट इंग्लिश टीचर ऑफ़ द ईयर; सुनीता पाराशर, समरवैली स्कूल- द एक्सेपशनल इंग्लिश टीचर ऑफ द ईयर; ललिता कृष्णास्वामी, प्रधानाचार्य निर्मल आश्रम दीपमाला पब्लिक स्कूल ऋषिकेश; अनीता रतूड़ी, प्रधानाचार्य फूटहिल्ज़ अकेडमी ऋषिकेश- द एक्शेप्नल प्रिंसिपल ऑफ द ईयर; रचना श्रीवास्तव, प्रिंसिपल ऑक्सफ़ोर्ड स्कूल ऑफ़ एक्सीलेंस- द इन्क्रेडीबल प्रिंसिपल ऑफ़ द ईयर; डॉ सुनीता शर्मा, प्रिंसिपल निर्मल आश्रम ज्ञानदान अकैडमी – द होलिस्टिक प्रिंसिपल ऑफ़ द ईयर; डॉ अमीता, हे.न.ब गढ़वाल विश्विद्यालय – द मोस्ट डायनामिक असोसिएट प्रोफेसर इन जर्नलिस्म एंड मास कम्यूनिकेशन; डॉ शालिनी शुक्ला, आर्मी पब्लिक स्कूल बीरपुर – द बेस्ट मैथ्स टीचर ऑफ़ द ईयर; अनिल सुन्द्रियाल- होस्पिटेलिटी आइकोन, जीतेन्द्र कुमार जोशी – द लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड इन एजुकेशन, डॉ. नवीन बडोनी – द बेस्ट ओर्थोपेडिक ऑफ़ द ईयर, डॉ अमरनाथ पाण्डेय – द बेस्ट फिजीशियन ऑफ़ द ईयर; डॉ. मोहित गोयल – द बेस्ट प्रोफेसर इन जेनरल सर्जेरी, डॉ. सुशील ओझा- द बेस्ट प्रोफेसर इन ओफथलमोलोजी, डॉ. भावना मलिक – द डिसटिनगुइश्ड प्रोफेसर एंड हेड ऑफ़ डेंटिसट्री, शोभा रावत, हिल्टन स्कूल देहरादून – द आउटस्टेंडिंग टीचर ऑफ़ द ईयर, मीना रावत – द इन्क्रेडीबल टीचर ऑफ़ द ईयर, कर्नल प्रकाश बड़ाकोटी – द आउटस्टेंडिंग मेंटर, सुरेखा डंगवाल – द आउटस्टेंडिंग वाइस चांसलर ऑफ़ द ईयर, डॉ कंचन नेगी – अन्तराष्ट्रीय शिक्षाविद और संस्थापक , निलेश थपलियाल – द डिसटिनगुइश्ड फिसिक्ज़ टीचर, बुद्धी प्रकाश बडोनी – द डिसटिनगुइश्ड केमिस्ट्री टीचर, कैलाश कोठियाल – द डिसटिनगुइश्ड मैथ्स टीचर, नूतन – बेस्ट योगा ट्रेनर ऑफ़ योज़ू इनके अलावा कार्यक्रम में श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय के विद्यार्थी उर्वशी, अंकिता, विभूती, राजेश,बीरेंद्र, राकेश,नीरू, सुशीला नेगी, तृप्ति नेगी, इत्यादि उपस्थित रहे.
