उत्तराखंड डेली न्यूज: ब्योरो
देहरादून:उत्तराखंड सचिवालय में संघ के आंदोलन की राह बदलती दिख रही है. सचिवालय संघ इसके पीछे मुख्य सचिव के उन आश्वासन को बता रहा है, जिसके तहत स्थानांतरण पॉलिसी को जल्द लागू करने का भरोसा दिया गया है. खास बात यह है कि संघ ने 10 दिन का अल्टीमेटम दिया था. लेकिन अब अपने आंदोलन को समाप्त करने से जुड़ा पत्र मुख्य सचिव को सचिवालय संघ ने सौंप दिया है!उत्तराखंड में स्थानांतरण पॉलिसी को लेकर सचिवालय कर्मचारियों का रोष कुछ ही दिनों में ठंडा हो गया है. दरअसल, 10 सितंबर को सचिवालय सेवा संवर्ग ने स्थानांतरण नीति 2025 के सचिवालय में लागू नहीं होने पर आंदोलन करने का निर्णय लिया था. इस संदर्भ में सचिवालय प्रशासन को पत्र सौंप कर आगामी दिनों में आंदोलन की जानकारी भी दी गई थी!

लेकिन इससे पहले की आंदोलन होता अगले 10 दिनों के भीतर ही सचिवालय संघ ने अपने आंदोलन को समाप्त करने का पत्र जारी कर दिया!दरअसल, सचिवालय कर्मचारियों के लिए स्थानांतरण नीति 2025 लाई गई. लेकिन इस पर कोई काम नहीं हो पाया. नतीजा यह रहा कि सालों से एक ही पद पर बैठे सचिवालय सेवा के कर्मचारी हटाए नहीं जा सके. इस तरह सचिवालय सेवा के लिए स्थानांतरण नीति हकीकत में लागू ही नहीं हो सकी!बड़ी बात यह भी है कि उत्तराखंड सचिवालय में सचिवालय संघ का कार्यकाल 2 साल का होता है और 22 सितंबर को ही संघ का कार्यकाल खत्म हो रहा है. हालांकि अभी नई कार्यकारिणी को लेकर कोई भी कार्यक्रम घोषित नहीं किया गया है और पूर्व में भी इसी तरह समय पर सचिवालय संघ के चुनाव को लेकर स्थितियां इसी तरह की रही हैं!उत्तराखंड सचिवालय संघ के महासचिव राकेश जोशी ने मुख्य सचिव को पत्र भेजकर आंदोलन को समाप्त किए जाने का ऐलान कर दिया है. इस आंदोलन के समाप्त होने के साथ ही अब इस बात की उम्मीद कम ही है कि इस साल नीति के तहत कर्मचारियों को सही तैनाती दी जा सके!उत्तराखंड सचिवालय में बड़े स्तर पर कर्मचारियों के बदलाव की जरूरत है, ऐसा इसलिए क्योंकि स्थानांतरण नीति 2025 के तहत ऐसे कई कर्मचारी इसके दायरे में आ रहे हैं, जिनका हटना तय है. लेकिन स्थानांतरण नीति लागू नहीं हो पाने के कारण ऐसे लोगों को भी बड़ी राहत मिली है!
