उत्तराखंड डेली न्यूज: ब्योरो
मां यमुनोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो गए। इससे पहले केदारनाथ धाम के कपाट भी छह माह के लिए बंद हो गए। एक दिन पहले गंगोत्री धाम के कपाट बंद हुए थे।विश्व प्रसिद्ध यमुनोत्री धाम के कपाट गुरुवार 23 अक्टूबर को भैयादूज के पावन पर्व पर शुभ लग्नानुसार दोपहर 12 बजकर 30 मिनट पर शीतकाल के लिए बंद हो गए। तीर्थ पुरोहितों द्वारा सुबह ही यमुनोत्री धाम के कपाट बंद करने की तैयारी पूरी कर ली गयी गई। अब शीलकाल में छह माह तक मां यमुना के दर्शन उनके शीतकालीन प्रवास खुशीमठ में होंगे।परंपरा अनुसार प्रत्येक वर्ष भैया दूज के पावन पर्व पर शुभ लग्नानुसार यमुनोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए छह माह तक दर्शनार्थ बंद कर दिए जाते हैं। छह माह बाद अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर ग्रीष्मकाल के लिए यमुनोत्री धाम के कपाट पुनः श्रद्धालुओं के बदर्शनार्थ खोल दिए जाते हैं।यमुनोत्री धाम के शीतकालीन बंदी के बाद मां यमुना की प्रतिमा डोली में कृष्ण जन्मस्थान खुशीमठ स्थित शीतकालीन आवास को पधारेगी, जहां तीर्थ पुरोहित छह माह तक उनकी पूजा-अर्चना करेंगे। यह प्रथा वर्षों से चली आ रही है और इससे न सिर्फ तीर्थयात्रियों के लिए सुगमता रहती है, बल्कि धार्मिक संस्कारों का भी निर्वहन होता है।इस बंदी के साथ ही चार धाम यात्रा के शीतकालीन दौर की शुरुआत हो गई है। अगले वर्ष अक्षय तृतीया पर ही यमुनोत्री समेत चार धामों के कपाट पुनः श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खुले जाएंगे। तब तक तीर्थयात्री खुशीमठ में स्थित मां यमुना के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।इस मौके पर यमुनोत्री विधायक संजय डोभाल, दर्जा धारी राज्य मंत्री रामसुंदर नौटियाल, अजबीन पंवार, जशोदा राणा, मंदिर समिति के सचिव सुनील उनियाल, प्रवक्ता पुरुषोत्तम उनियाल, कोषाध्यक्ष प्रदीप उनियाल, संजीव उनियाल, महावीर पंवार माही, श्रवण, भानुकर, सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल रहे।
