उत्तराखंड डेली न्यूज: ब्योरो
कैलाशानंद ट्रस्ट की संपत्तियों के लिए नैननीताल हाईकोर्ट ने बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति को रिसीवर नियुक्त किया.नैनीताल: उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण आदेश में स्वामी कैलाशानंद मिशन ट्रस्ट की संपूर्ण संपत्ति, धर्मशाला, मंदिर, गोशाला इत्यादि को श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के सुपुर्द करने के आदेश दिए हैं. ऋषिकेश के निकट लक्ष्मण झूला से सटे हुए इस ट्रस्ट की संपत्ति का विवाद तब सामने आया, जब ट्रस्ट और उसकी संपत्ति पर अधिकार संबंधी विवाद देहरादून जिला न्यायालय में 2014 में प्रस्तुत किया गया था.उत्तराखंड उच्च न्यायालय में न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल ने मंगलवार 18 नवंबर को पूरे मामले में सभी पक्षों को सुनने के बाद प्रस्तुत सबूतों का संज्ञान लेने के बाद फैसला सुनाते हुए ट्रस्ट की संपूर्ण संपत्ति, धर्मशाला इत्यादि के संचालन का दायित्व बीकेटीसी को सौंपने का आदेश जारी कर दिया. यह आदेश संख्या 10511/2025 और अपील संख्या 2008/2016 के संदर्भ में पारित हुआ.विवाद में कई वर्षों तक चली सुनवाई में तथ्यों का खुलासा हुआ था कि लक्ष्मण झूला के निकट ट्रस्ट के मंदिर और मसूरी स्थित धर्मशाला, जौंक गांव में गौशाला समेत अन्य चल अचल संपत्तियों पर कुछ लोगों ने अवैध कब्जा कर लिया है. इस क्रम में कई वे, ट्रस्ट की संपत्तियों को गैरकानूनी तरीके खुर्द बुर्द कर रहे हैं. इस मामले में ट्रस्ट के मूल हकदारों को गलत हथकंडे अपनाकर बाहर कर दिया गया था.इस मामले पर कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति को अब से कैलाशानंद ट्रस्ट मिशन का प्रतिनिधित्व किसी भी न्यायालय, प्राधिकरण या सरकारी विभाग के समक्ष करने का अधिकार होगा. बीकेटीसी ट्रस्ट संपत्तियों पर अपना साइनबोर्ड लगा सकेगी. इसके अलावा ट्रस्ट की संपत्तियों और धन का उपयोग केवल जनहित और गैर-लाभकारी गतिविधियों के लिए कर सकेगी.वहीं हाईकोर्ट ने जिला प्रशासन को निर्देश दिया गया है कि आवश्यकता पड़ने पर बीकेटीसी को पूरा सहयोग प्रदान करे.
