उत्तराखंड डेली न्यूज: ब्योरो
स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) एक ऐसी प्रक्रिया है जिसे भारत निर्वाचन आयोग मतदाता सूची को अपडेट और शुद्ध करने के लिए चला रहा है। यूपी में यह प्रक्रिया शुरू हो और इसे 4 दिसंबर तक पूरा किया जाना है। इसमें घर-घर जाकर मतदाता सूची की गहन जांच की जाती है।देहरादून: उत्तराखंड में जो महिलाएं दूसरे राज्यों से ब्याह कर आईं हैं उन्हें यहां अपना वोट बचाए रखने के लिए अपने गृह प्रदेश से वोटर आईडी से जुड़ी जानकारी और कागज लाने होंगे। चुनाव आयोग उत्तराखंड में दिसंबर या जनवरी में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) होने वाला है। इससे पहले यहां की मतदाता सूची में बदलाव किया जा सकता है।उत्तराखंड में साल 2003 की मतदाता सूची निर्वाचन आयोगी की वेबसाइट पर जारी कर दी है। यूपी और दूसरे राज्यों ने भी इसी तरह अपनी पुरानी मतदाता सूची वेबसाइट पर जारी की हैं। उत्तराखंड निर्वाचन विभाग ने कहा कि यूपी और दूसरे कई राज्यों ने अपनी 2003 की वोटर लिस्ट जारी कर दी है। ऐसे में जो उस समय के वोटर थे उन्हें अब अपनी ताजा जानकारी वोटर लिस्ट में अपडेट करानी होगी। ऐसा एसआईआर के तहत किया जा रहा है।लेकिन ऐसे भी लोग थे जिन्होंने उस समय अपना वोट नहीं बनवाया था। ऐसे हालात में उन्हें अपने माता-पिता की वोटर आईडी की जानकारी एसआईआर फॉर्म में दर्ज करानी होगी। हालांकि अभी उत्तराखंड में एसआईआर की शुरुआत नहीं हुई है लेकिन अगर पहले से तैयारी कर ली जाएगी तो इससे मतदाताओं को सुविधा ही होगी।स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) एक ऐसी प्रक्रिया है जिसे भारत निर्वाचन आयोग मतदाता सूची को अपडेट और शुद्ध करने के लिए चला रहा है। यूपी में यह प्रक्रिया शुरू हो और इसे 4 दिसंबर तक पूरा किया जाना है। इसमें घर-घर जाकर मतदाता सूची की गहन जांच की जाती है, ताकि मृत, डुप्लीकेट या दूसरी जगह शिफ्ट हो चुके मतदाताओं के नाम हटाए जा सकें और नए पात्र मतदाताओं को जोड़ा जा सके। इसका मकसद यह सुनिश्चित करना होता है कि वोटर लिस्ट पूरी तरह त्रुटिरहित और अपडेट हो, जिससे चुनाव निष्पक्ष और पारदर्शी हो सकें।
