उत्तराखंड डेली न्यूज: ब्योरो
चमोली जिले के नारायणबगड़ के नाखोली गांव के नेत्रपाल सिंह गुसाईं सेना में अफसर बने। देहरादून स्थित आइएमए से पास आउट होकर वह लेफ्टिनेंट बने। पासिंग आउट परेड में उनके माता-पिता मौजूद रहे। नेत्रपाल की प्रारंभिक शिक्षा नारायणबगड़ में हुई। उनके पिता मुजफ्फरनगर के सरकारी अस्पताल में फार्मासिस्ट हैं। नेत्रपाल ने एनडीए के माध्यम से आइएमए में प्रवेश किया। नाखोली गांव में जश्न का माहौल है।चमोली जिले के नारायणबगड़ ब्लाक के नाखोली गांव निवासी नेत्रपाल सिंह गुसाईं सेना में अफसर बने। देहरादून स्थित भारतीय सैन्य अकादमी (आइएमए) से पास आउट होकर वह लेफ्टिनेंट बने, जिस पर पूरे क्षेत्र में खुशी की लहर है। पासिंग आउट परेड (पीओपी) में उनके माता-पिता, दादा एवं अन्य स्वजन मौजूद रहे। बेटे को सैन्य अधिकारी के रूप में कदमताल करते देखना परिवार के लिए गर्व और भावुक क्षण रहा।लेफ्टिनेंट नेत्रपाल सिंह गुसाईं की प्रारंभिक शिक्षा नारायणबगड़ में हुई, जबकि इंटर की पढ़ाई उन्होंने मुजफ्फरनगर (उत्तर प्रदेश) से पूरी की। उनके पिता दलीप सिंह गुसाईं मुजफ्फरनगर के सरकारी अस्पताल में फार्मासिस्ट के पद पर कार्यरत हैं, जबकि माता कमला देवी गृहिणी हैं।नेत्रपाल ने एनडीए के माध्यम से आइएमए में प्रवेश कर कड़ी मेहनत और अनुशासन के बल पर सेना में अधिकारी बनने का सपना साकार किया। अपने पोते को सेना में अधिकारी बनते देख दादा हयात सिंह गुसाईं सहित पूरे परिवार में खुशी का माहौल है। उनके चाचा सुरेंद्र सिंह गुसाईं, जो स्वयं सेना से सेवानिवृत्त हैं, ने बताया कि नेत्रपाल बचपन से ही सेना में अफसर बनने का सपना देखता था और आज उसने अपनी लगन व मेहनत से उसे पूरा कर दिखाया है।नाखोली गांव सहित पूरे क्षेत्र में गांव के बेटे के लेफ्टिनेंट बनने पर जश्न का माहौल है। ब्लाक प्रमुख गणेश चंदोला, पूर्व ब्लाक प्रमुख यशपाल नेगी, बीरेंद्र बुटोला, हरेंद्र बुटोला और कमलेश सती सहित अन्य जनप्रतिनिधियों व सामाजिक लोगों ने नेत्रपाल गुसाईं और उनके परिवार को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि उन्होंने न केवल क्षेत्र बल्कि पूरे जनपद का नाम रोशन किया है।
