उत्तराखंड डेली न्यूज: ब्योरो
देहरादून के रेंजर ग्राउंड में 23 से 28 दिसंबर तक सहकारिता मेला एवं सहकारिता सम्मेलन 2025 का आयोजन “सहकारिता से शहरीय ग्रामीण एकता” थीम के साथ किया जा रहा है। यह मेला सीमांत क्षेत्रों के समग्र विकास हेतु सहकारिता की सामूहिक चेतना और संकल्प का प्रतीक है।कार्यक्रम में सहकारिता को पर्वतीय प्रदेश की भौगोलिक चुनौतियों के समाधान के रूप में रेखांकित किया गया। कृषि, दुग्ध, बागवानी, मत्स्य, लघु उद्योग और पर्यटन में सहकारी मॉडल की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया गया। PACS समितियाँ अब ऋण के साथ-साथ रोजगार, प्रशिक्षण और विपणन केंद्र के रूप में कार्य कर रही हैं, वहीं महिलाएँ और युवा सहकारी उद्यमिता के नए उदाहरण बन रहे हैं।MPACS कम्प्यूटरीकरण के तहत कई समितियाँ पूर्णतः डिजिटल हो चुकी हैं, जिससे पारदर्शिता और त्वरित सेवाएँ सुनिश्चित हुई हैं। जिला सहकारी बैंक द्वारा KCC, फसल बीमा व अन्य योजनाओं से किसानों को जोड़ा गया है।मेले में भारत सरकार की अनाज भंडारण योजना, PACS as CSC, सहकारी निर्यात मिशन और ग्रीन क्रेडिट कार्यक्रम जैसी योजनाओं की जानकारी दी जा रही है। यह मेला सहकारिता के नवाचारों, उत्पादों और उपलब्धियों को प्रदर्शित करने का प्रमुख मंच बना है।
