उत्तराखंड डेली न्यूज: ब्योरो
‘मेंज़ यूनिवर्सिटी’ (जर्मनी) की स्टडी के मुताबिक, जो लोग दूसरों के लिए दिल में दर्द व सहानुभूति रखते हैं, उन्हें स्ट्रेस और एंग्जायटी कम होती है। बकौल रिसर्च, जो लोग सिर्फ अपने बारे में सोचते हैं, वे अकेलेपन के शिकार होते हैं। ऐसे लोगों में कॉर्टिसोल (स्ट्रेस हॉर्मोन) हाई रहता है और दिल की बीमारियों का जोखिम ज़्यादा होता है।
