उत्तराखंड डेली न्यूज़ :ब्योरो
हाथी एक समझदार जानवर होता है, यह अक्सर सुनते आए हैं। उत्तराखंड की एक नदी में फंसे नन्हे हाथी को बचाने के लिए उन्होंने इस सूझबूझ का परिचय भी दे दिया।इंसानों की दुनिया में जहां संवेदनाएं कहीं खोती जा रही है, वहीं उत्तराखंड में हाथियों ने प्यार..एकता और बहादुरी का एक बेमिसाल उदाहरण पेश किया है। जिसने भी ये नजारा देखा, उसे अपनी आंखों पर यकीन नहीं हो रहा है। भारी बारिश के चलते खोह नदी उफान पर थी। इस उफनती नदी में एक नन्हा हाथी फंस गया। इसके बाद जो हुआ, उसने एक नई कहानी रच दी। हाथियों के झुंड ने अपनी जान की परवाह किए बिना नदी की तेज धारा में बह रहे छोटू हाथी को बचा लिया।इसका घटना की तस्वीरें सच में दिल छूने वाली हैं। बीते हफ्ते मंगलवार शाम की बात है। हाथियों का एक झुंड अपनी प्यास बुझाने के लिए लैंसडाउन वन प्रभाग में आने वाली खोह नदी में उतरा था। अचानक, एक नन्हा साथी तेज बहाव के बीच अपना पैर फिसलने से संतुलन खो बैठा। वो नदी की प्रचंड धाराओं में बहने लगा। अपनी जान खतरे में देख डर से उस छोटे हाथी ने एक दर्द भरी आवाज निकाली, जो खतरे का संकेत थी।
फिर हुआ चमत्कार
फिर जो हुआ, वह किसी चमत्कार से कम नहीं था। उस नन्हे हाथी की चीख सुनकर, देखते ही देखते 7-8 हाथियों का एक समूह तुरंत नदी की और दौड़ा। वे जोर-जोर से चिंघाड़ते हुए अपने साथियों को खतरे का संदेश देने लगे। पल भर में ही पूरा इलाका हाथियों के शोर से गूंज उठा। 25 से 30 हाथियों का एक विशाल झुंड उफनते पानी में कूद पड़ा। नन्हा हाथी काफी दूर तक बहता हुआ चला गया था।सभी हाथियों ने मिलकर उस नन्हें हाथी को शक्तिशाली धारा से सफलतापूर्वक बहर निकाल लिया। दुगड्डा रेंज के रेंजर उमेश जोशी ने बताया कि शाम करीब 6.30 बजे यह घटना हुई। नन्हा हाथी काफी दूर तक बहता हुआ कोटद्वार में सिद्धबली मंदिर के पास लालपुर पुल पर पहुंच गया था, लेकिन हाथियों ने मिलकर उसे बचा लिया। इस बचाव के बाद, हाथियों का झुंड उस नन्हे साथी को साथ लेकर पुलिंडा जंगल की ओर खुशी-खुशी बढ़ गया।
