उत्तराखंड डेली न्यूज: ब्योरो
भारतीय सैन्य अकादमी देहरादून में जून 2000 बैच के जेंटलमैन कैडेटों का रजत जयंती पुनर्मिलन समारोह आयोजित किया गया। 25 साल बाद अपने सैन्य प्रशिक्षण के दिनों को याद कर कैडेट उत्साहित हुए। इस अवसर पर कोर्स के 255 अधिकारी अकादमी में एकत्र हुए और अपने प्रशिक्षण काल की स्मृतियों को ताजा किया। कोर्स ने 47 वीरता पुरस्कार और 176 विशिष्ट सेवा पुरस्कार जीते हैं। भारतीय सैन्य अकादमी (आइएमए) से सैन्य प्रशिक्षण पूरा कर 25 साल पहले पासआउट हुए बैच के कैडेटों के लिए अकादमी में रजत जयंती पुनर्मिलन समारोह आयोजित किया गया। इस अवसर पर कोर्स के अधिकारी अपने स्वजन के साथ अकादमी पहुंचे और अपने गौरवशाली प्रशिक्षण काल की स्मृतियों को ताजा किया। 416 जेंटलमैन कैडेट्स वाला यह कोर्स 24 जून 2000 को भारतीय सेना में कमीशन हुआ था और अब राष्ट्र की सेवा के 25 गौरवपूर्ण वर्ष पूर्ण कर चुका है।समारोह के दौरान कोर्स के 255 अधिकारी अकादमी के ऐतिहासिक प्रांगण में एकत्र हुए और उस संस्थान के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की, जिसने उन्हें अनुशासित सैनिकों और सक्षम सैन्य नेता के रूप में तैयार किया। यह आयोजन गर्व, भावनाओं और अकादमी की गौरवशाली परंपराओं के प्रति सम्मान से परिपूर्ण रहा।पिछले ढाई दशक में इस कोर्स के अधिकारियों ने विविध भौगोलिक परिस्थितियों और चुनौतीपूर्ण सैन्य अभियानों में उत्कृष्ट नेतृत्व, उच्च पेशेवर दक्षता और संचालन कौशल का परिचय दिया है।इस कोर्स से 47 वीरता पुरस्कार विजेता तथा 176 विशिष्ट सेवा पुरस्कार प्राप्त अधिकारी निकले हैं, जो भारतीय सेना में इसके उल्लेखनीय योगदान को रेखांकित करता है। कर्तव्य की राह में अग्रसर रहते हुए इस कोर्स ने सर्वोच्च बलिदान भी दिया है।राष्ट्र सेवा में अपने प्राणों का उत्सर्ग करने वाले वीर अधिकारियों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए, रजत जयंती समारोह के अंतर्गत उनके स्वजन को सम्मानित भी किया गया। दो बलिदानी अधिकारियों के स्वजन की उपस्थिति ने इस अवसर को अत्यंत भावुक और गरिमामय बना दिया।
