उत्तराखंड डेली न्यूज :ब्योरो
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के बाजारों में इन दिनों छठ पूजा की रौनक देखने को मिल रही है। जैसे-जैसे पर्व नजदीक आ रहा है, बाजारों में चहल-पहल बढ़ती जा रही है। लोग पूजा के लिए आवश्यक सामान की खरीदारी में व्यस्त हैं। फल, सब्जियां, बांस की टोकरी, सूप, दौरा और अन्य पूजा सामग्री की दुकानों पर खरीदारों की भीड़ उमड़ रही है। शहर के विभिन्न इलाकों—जैसे प्रिंस चौक, पलटन बाजार और पटेल नगर—में त्योहारी माहौल पूरी तरह नजर आ रहा है। दुकानदारों के अनुसार, इस बार खरीदारों की पहली प्राथमिकता प्रामाणिकता और गुणवत्ता है। स्थानीय दुकानों पर उपलब्ध अधिकांश पूजा सामग्री बिहार से मंगाई जा रही है ताकि लोगों को पारंपरिक छठ पूजा का वास्तविक अनुभव मिल सके। व्यापारी बताते हैं कि पिछले साल की तुलना में इस बार छठ से जुड़ी वस्तुओं की मांग लगभग 30 प्रतिशत तक बढ़ गई है।
हालांकि खरीदारों की शिकायत है कि महंगाई ने त्योहार की तैयारी को थोड़ा मुश्किल बना दिया है। बांस की टोकरी, फल और सूखे मेवे की कीमतों में काफी बढ़ोतरी हुई है। एक स्थानीय खरीदार ने बताया, “कीमतें जरूर बढ़ी हैं, लेकिन छठ पूजा हमारे लिए सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि आस्था और परंपरा का प्रतीक है। इसे मनाना हमारा कर्तव्य है।”बढ़ती कीमतों और आर्थिक दबाव के बावजूद लोग पूरे उत्साह, श्रद्धा और समर्पण के साथ छठ पर्व की तैयारी कर रहे हैं। महिलाओं ने घाटों और तालाबों की सफाई शुरू कर दी है, वहीं पुरुष आवश्यक सामग्रियों की खरीद में जुटे हैं। प्रशासन की ओर से भी घाटों की व्यवस्था और सुरक्षा के लिए विशेष तैयारी की जा रही है।गौरतलब है कि छठ पूजा सूर्य देव की आराधना का पर्व है, जो मुख्य रूप से बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में मनाया जाता है। इस बार छठ पर्व 25 अक्टूबर से 28 अक्टूबर तक मनाया जाएगा। इस दौरान नहाय-खाय, खरना, संध्या अर्घ्य और उषा अर्घ्य जैसे चार मुख्य अनुष्ठानों के माध्यम से श्रद्धालु सूर्य देव और छठी माई की पूजा करेंगे। त्योहार की बढ़ती कीमतों के बीच भी देहरादून में लोगों का उत्साह यह साबित करता है कि आस्था महंगाई से कहीं ऊपर है।
