उत्तराखंड डेली न्यूज: ब्योरो
उत्तराखंड में सितंबर महीने में सामान्य से 40% अधिक बारिश हुई जिससे कई जिलों में भारी नुकसान हुआ। बागेश्वर में सबसे ज्यादा बारिश दर्ज की गई जबकि देहरादून में छह साल में सबसे ज्यादा बारिश हुई। भारी बारिश और बादल फटने की घटनाओं से भूस्खलन और सड़कों के टूटने जैसी समस्याएं आईं जिससे जान-माल का भारी नुकसान हुआ।सितंबर का महीना उत्तराखंड के लिए आफत भरा रहा। पूरे माह प्रदेश में औसतन 255.2 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो सामान्य (182.4 मिमी) से 40 प्रतिशत अधिक रही। 26 सितंबर को मानसून प्रदेश से विदा हो चुका है। हालांकि, बीते करीब 10 दिनों से मौसम शुष्क बना हुआ है, लेकिन महीने के शुरुआती तीन हफ्ते बादल जमकर बरसे। देहरादून समेत कई जिलों में अतिवृष्टि व बादल फटने से जानमाल का भारी नुकसान हुआ। बारिश का यह दौर राहत कम और तबाही ज्यादा लेकर आया। देहरादून से लेकर पहाड़ तक अतिवृष्टि और बादल फटने की घटनाओं ने व्यापक नुकसान पहुंचाया। कई जगह भूस्खलन, सड़कों के ध्वस्त होने और जनहानि जैसी स्थितियां बनीं। प्रदेश में सबसे अधिक बारिश बागेश्वर जिले में दर्ज की गई, जहां 470.8 मिमी वर्षा हुई। यह सामान्य से 262 प्रतिशत ज्यादा है। वहीं, देहरादून (452.9 मिमी) और नैनीताल (334.6 मिमी) भी शीर्ष जिलों में रहे। केवल रुद्रप्रयाग जिला ऐसा रहा, जहां बारिश सामान्य से 12 प्रतिशत कम दर्ज की गई।दून में छह साल में सर्वाधिक बारिश,सितंबर में लगातार बारिश और बादल फटने की घटनाओं के कारण दून में 453 मिमी वर्षा हुई। यह सामान्य 218 मिमी से करीब 108 प्रतिशत अधिक है। देहरादून में सितंबर की औसत वर्षा 306 मिमी रहती है, जबकि इस सितंबर मध्य में अतिवृष्टि के जबरदस्त दौर हुए। इससे पहले वर्ष 2019 में हुई 490 मिमी वर्षा ही इस वर्ष की तुलना में अधिक थी। बीते पांच वर्ष में कभी आंकड़ा 400 के पार नहीं पहुंचा था। वहीं, वर्ष 1924 में सितंबर में 1000 मिमी से अधिक वर्षा आल टाइम रिकार्ड है।
