उत्तराखंड डेली न्यूज:ब्योरो
गैंडखाल क्षेत्र में पिछले छह दिन से पानी नहीं आ रहा है। यह तब है जब गांव के आसपास पानी की भरपूर सुविधा है। यहां पाइप लाइन बिछाई गई है, बावजूद इसके यहां पानी के लिए लोग तरस रहे हैं। यह इसलिए हो रहा है क्योंकि जल संस्थान पेयजल की कोई व्यवस्था नहीं कर पा रहा है। गैंडखाल क्षेत्र के 12 गांवों में करीब तीन हजार लोग निवास करते हैं। यहां उच्चाकोट पंपिंग योजना के तहत नांद गांव के गदेरे से पानी को लिफ्ट कर उच्चाकोट तक पहुंचाया जाता है। यहां से गैंडखाल, नांद, खैड़ा, बरगिड आदि गांव में आपूर्ति किया जाता है। यहां पानी की समस्या इतनी भयानक हो चुकी है कि लोगों को पिछले छह दिनों से दफ्तर जाने के लिए भी पानी की बोतल खरीदनी पड़ रही है। जबकि यहां की पाइप लाइन में लगातार लीकेज हो रही है।स्थानीय निवासी राजेंद्र नेगी ने बताया कि पेयजल योजना की पुरानी लाइन प्रेशर के कारण फट रही है। इससे क्षेत्र में पेयजल आपूर्ति प्रभावित हो रही है। छह दिन से क्षेत्र में पेयजल आपूर्ति प्रभावित है। जल संस्थान की ओर से कुछ समय पहले पेयजल लाइन की मरम्मत की गई थी लेकिन वह खानापूर्ति साबित हुई।
प्रति घंटा हजार लीटर बरबाद हो रहा पानी
नांद गदेरे से यह पेयजल लाइन ग्रामीणों के लिए बिछाई गई है। इस लाइन में जगह-जगह इतने छिद्र हो चुके हैं कि प्रतिदिन लाखों लीटर पानी बरबाद हो रहा है। इससे लोगों के घरों में पूरे प्रेशर से पानी नहीं पहुंच रहा है। जबकि सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि पानी का बहाव थमने के बाद लीकेज की जगह जमा पानी वापस पाइप लाइन में जाता है जिससे लोगों के घरों में गंदा पानी भी पहुंच रहा है।
–एक टैंकर दो हजार रुपये में पहुंच रहा घर
पानी की समस्या को देखते हुए निजी पानी टैंकर संचालक लोगों की मजबूरी का फायदा उठा रहे हैं। पानी का टैंकर लोगों को दो हजार रुपये तक उपलब्ध कराया जा रहा है। हालांकि जल संस्थान यही पानी तीन से पांच सौ रुपये में उपलब्ध कराता है। विभाग के अनुसार दूरी के हिसाब से पानी पहुंचाया जाता है।पेयजल लाइन फटने की समस्या का मामला संज्ञान में आया है। उसे जल्द ठीक करने की कोशिश की जा रही है। जल्द ही लोगों की पेयजल समस्या का समाधान किया जाएगा।
