उत्तराखंड डेली न्यूज: ब्योरो
उत्तराखंड में आज मैदानों में कोहरा छाया रहा जबकि पहाड़ों में चटख धूप खिली रही। मैदानी इलाकों में दृश्यता कम होने से यातायात प्रभावित हुआ। मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में मौसम में बदलाव की संभावना जताई है। पहाड़ों में धूप खिलने से तापमान में वृद्धि दर्ज की गई है।उत्तर भारत में कोहरे से बेपटरी जनजीवन का असर शनिवार को उत्तराखंड के मैदानी क्षेत्रों में थल से नभ तक देखा गया। मैदानी क्षेत्र दिनभर कोहरे के आगोश में लिपटे रहे। धुंध के कारण दृश्यता भी प्रभावित रही।इसका असर हवाई और रेल सेवाओं पर भी पड़ा। कोहरे के कारण मैदानी क्षेत्रों के तापमान में सामान्य से नौ डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट दर्ज की गई, जबकि पहाड़ों में मौसम सुहावना रहा। लोग गुनगुनी धूप का आनंद लेते रहे।मौसम विशेषज्ञों के अनुसार मैदानी क्षेत्रों में ठंडी हवाओं का असर अगले कुछ दिनों तक बना रह सकता है। सुबह और देर शाम ठिठुरन बढ़ने के आसार हैं। मौसम के बदले मिजाज का कारण पश्चिमी विक्षोभ के अभी तक निष्क्रिय रहने और प्रदूषण को माना जा रहा है।पहले से ही प्रदूषण की मार झेल रहे मैदानी क्षेत्रों में धूप की किरणों पर धूल का गुबार भारी पड़ रहा है। देहरादून और पंतनगर में कोल्ड-डे कंडीशन (अधिकतम तापमान मैदानी क्षेत्रों में 16 डिग्री सेल्सियस से नीचे या सामान्य से 6.4 डिग्री सेल्सियस कम हो) के चलते दिन में भी ठिठुरन बनी रही।इसके विपरीत, पर्वतीय जनपदों में प्रदूषण अपेक्षाकृत कम होने के कारण मुक्तेश्वर में अधिकतम तापमान सामान्य से पांच और टिहरी में एक डिग्री सेल्सियस अधिक रिकार्ड किया गया।राज्य मौसम विज्ञान केंद्र, देहरादून के निदेशक डा. सीएस तोमर के अनुसार पोस्ट मानसून सीजन में इस बार पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय न होने का प्रभाव उत्तर भारत के पहाड़ी राज्यों उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है।पर्वतीय क्षेत्रों में मौसम शुष्क बना हुआ है, जबकि हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर जैसे मैदानी जिले घने कोहरे की चपेट में हैं। लंबे समय से जारी शुष्क अवधि के कारण फसल चक्र पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ने लगा है।
सात शहरों में घने कोहरे का यलो अलर्ट
मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार रविवार को देहरादून, डोईवाला, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर, नैनीताल, रुड़की और ऋषिकेश सहित मैदानी क्षेत्रों में घना कोहरा छाए रहने के आसार है। इसे देखते हुए यलो अलर्ट जारी किया गया है। 35 सौ मीटर से अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी के आसार हैं।उड़ानों पर असर, ट्रेनें लेट, सड़क मार्ग भी प्रभावित,धुंध का असर हवाई व रेल सेवाओं पर भी नजर आया। देहरादून आने वाली कई फ्लाइट को डायवर्ट करना पड़ा, जबकि कुछ को दिल्ली ही रोक दिया गया। ट्रेनें भी देरी से चल रही हैं, जबकि लंबी दूरी की परिवहन निगम की बसों की गति पर भी ब्रेक लग गया है।सुबह प्रमुख मार्गों पर वाहन चालकों को धीमी गति से सफर करना पड़ा। स्कूल जाने वाले बच्चों, दफ्तर जाने वाले कर्मचारी और मार्निंग वाक पर निकलने लोग ठिठुरते देखे गए। दिन में अलाव जलाने पड़े। बाजारों में चहल-पहल कम रही।
कोहरे में इन बातों कर रखें ध्यान
कोहरे से हवा की शुद्धता गिर रही है, ठंड से बीपी बढ़ने के कारण तो शुगर अनियंत्रित हो जाता है। गुनगुना पानी जरूर पीते रहें।घने कोहरे में यदि बाहर निकलना जरूरी हो तो मुंह और नाक को मफलर अथवा मास्क से ढककर रखें, जिससे ठंडी और प्रदूषित हवा सीधे शरीर में न जाए।सुबह खिड़की देर से खोलें, जब तक कोहरा पूरी तरह छंट न जाए। हल्की धूप मिलते ही घर में ताजी हवा आने दें।कोहरे के दौरान बुजुर्गों, बच्चों और दमा व हृदय रोगियों को अधिक खतरा रहता है। उन्हें जल्दी सुबह और देर रात बाहर घूमने से बचाना चाहिए।कोहरे से आंखों में जलन और पानी आने की समस्या बढ़ जाती हैं। साफ पानी से आंखें धोएं और जरूरत पड़ने पर चश्मा पहनकर निकलें।शरीर की गर्मी बनाए रखना सर्दी-जुकाम से बचाव का सबसे सरल तरीका है कि सिर, कान और गला अच्छी तरह ढककर रखें।खाने में ठंडी व खुली चीजों से परहेज करें। गर्म और ताजा भोजन करें। सूप, अदरक-तुलसी वाली चाय और हल्दी वाला दूध रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं।
यदि खांसी, सांस फूलना, सीने में जकड़न अथवा आंखों में ज्यादा जलन हो तो इसे अनदेखा न करें। शीघ्र डाक्टर से परामर्श लें।वाहन चलाते समय फाग लाइट जरूर जलाएं, वाहन की रफ्तार धीमी रखें।
