उत्तराखंड डेली न्यूज़ :ब्योरो
देहरादून में सोमवार रात हुई भारी बारिश और अतिवृष्टि से अब तक 27 लोगों की मौत हो चुकी है, शुक्रवार को 3 और शव बरामद किए गए, जबकि सहस्रधारा और विकासनगर क्षेत्र में लापता 11 लोगों की तलाश के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।देहरादून जिले में सोमवार रात हुई अतिवृष्टि की जद में आकर लापता 11 लोगों का चार दिन बाद भी पता नहीं चल पाया है। शुक्रवार को बचाव दलों ने सहस्रधारा इलाके के मजाड़ा में एक पुरुष का शव बरामद किया। वहीं, बाजावाला के पास आसन नदी में बहे दो मजदूरों में एक 18 वर्षीय प्रीतम का शव सहारनपुर से मिला। बहे स्थान से करीब 200 किमी की दूरी पर हरियाणा में 20 वर्षीय पुष्पेंद्र का शव बरामद हुआ है। इससे देहरादून में इस आपदा में मौत का आंकड़ा बढ़कर 27 तक पहुंच गया है।राजधानी में सोमवार रात अतिवृष्टि से कई जगह तबाही मची। सहस्रधारा, मालदेवता, नंदा की चौकी, विकासनगर क्षेत्र में नुकसान हुआ। जिला प्रशासन से जारी जानकारी के अनुसार, जिले में गुरुवार तक 24 शव बरामद हुए और 14 लोग लापता थे। शुक्रवार को बचाव दलों ने एक शव मजाड़ा गांव में बरामद किया। वहीं, सहारनपुर और हरियाणा में दो शव मिलने के बाद आपदा में मरने वालों की संख्या 27 तक पहुंच गई है।देहरादून में लापता चल रहे 11 लोगों की तलाश में रेस्क्यू अभियान चलाया जा रहा है। फुलेत, सहस्रधारा-मजाड़ा और विकासनगर क्षेत्र में रेस्क्यू चल रहा है। वहीं, कई दिनों की मशक्कत के बाद लापता लोग नहीं मिलने पर अब रेस्क्यू अभियान भी धीमा होने लगा है। लापता लोगों के नहीं मिलने से उनके परिजनों का गम बढ़ता जा रहा है।
सड़क, बिजली-पानी पर फोकस
अतिवृष्टि के बाद नदी, नालों, गदेरों में आए सैलाब से सड़क, बिजली-पानी लाइनें क्षतिग्रस्त हुई। रायपुर चौक से मालदेवता को जोड़ने वाले मार्ग पर सौंग नदी में बहे करीब 200 मीटर हिस्से में अस्थाई निर्माण कर यातायात शुरू कर दिया गया। इससे मालदेवता क्षेत्र के हजारों लोगों ने राहत की सांस ली।
तिब्बत सोसायटी ने लगाया नेत्र जांच शिविर
श्री द्वारिका दत्त शर्मा चैरिटेबल ट्रस्ट के सहयोग से ईसी रोड स्थित अमृतसर आई क्लीनिक की टीम के सहयोग से सहस्रधारा रोड स्थित तिब्बत सोसायटी में विशेष नेत्र जांच शिविर का आयोजन किया।सहस्रधारा-कारलीगाड़ सड़कचौथे दिन भी नहीं खोली जा सकी
दून के सहस्रधारा क्षेत्र में आपदा के चौथे दिन बाद भी सहस्रधारा-कारलीगाड़-मसूरी मार्ग नहीं खुल पाया है। सड़क बंद होने के चलते मजाड़ा और कारलीगाड़ गांव तक राहत सामग्री पहुंचाने में मुश्किलें आ रही हैं। वहां मशीनरी तक नहीं पहुंच पा रही है। भारी बारिश के कारण मंगलवार को सहस्रधारा और सेरा गांव के बीच सड़क का बड़ा हिस्सा नदी में समा गया था। सड़क के किनारे एक रिजॉर्ट होने के कारण जेसीबी से खुदाई में दिक्कत आ रही है। सड़क भरने के लिए यहां पत्थर लाए गए। तीव्र ढलान होने के कारण सड़क बनाने में परेशानी हो रही है। शुक्रवार को यहां सड़क बनाने का काम जारी रहा, लेकिन रास्ता नहीं खुल पाया। ऐसे में मजाड़ा से लेकर कारलीगाड़ क्षेत्र तक राहत सामग्री पहुंचाने के लिए पैदल दूरी नापनी पड़ रही है।
