उत्तराखंड डेली न्यूज़: ब्योरो
अल्मोड़ा जिले में अतिथि शिक्षकों ने सरकार और शिक्षा विभागों के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया।अल्मोड़ा: उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में गुरुवार 18 सितंबर को अतिथि शिक्षकों (गेस्ट टीचर्स) का गुस्सा फूट पड़ा. उन्होंने ग्रीष्मावकाश और दीर्घावकाश के समय का वेतन नहीं दिए जाने का मुद्दा उठाया. ग्रीष्मावकाश और दीर्घावकाश के समय वेतन नहीं मिलने से गेस्ट टीचर्स आक्रोशित हैं. इसीलिए गुरुवार 18 सितंबर को गेस्ट टीचर्स ने मुख्य शिक्षा अधिकारी कार्यालय अल्मोड़ा का घेराव किया।अतिथि शिक्षकों का कहना है कि इस आंदोलन के साथ ही उनका अनिश्चितकालीन धरना शुरू हो गया है. गुरुवार को धरने में करीब 300 शिक्षक मौजूद रहे. अतिथि शिक्षकों की मानें तो बीते कई सालों से शिक्षकों को विद्यालयों में होने वाले ग्रीष्मावकाश और दीर्घावकाश का वेतन भी दिया जाता रहा है. लेकिन इस बार उनको यह वेतन नहीं दिया गया है, जिससे शिक्षकों में विभाग के खिलाफ नाराजगी है।गेस्ट टीचर्स का कहना है कि विभाग इस समय अवधि का वेतन जल्द आहरित करे. अतिथि शिक्षक संगठन की जिलाध्यक्ष डोली धोनी ने कहा कि आज शिक्षकों को मुख्य शिक्षा अधिकारी कार्यालय में मजबूर होकर धरने पर बैठना पड़ा है. यह अनिश्चितकालीन धरना है. क्योंकि उनका आज तक का ग्रीष्मावकाश और दीर्घकालीन अवकाश जून और जनवरी माह का मानदेय आहरित होता आया है, लेकिन इस बार वर्ष 2025 में उनका मानदेय आहरित नहीं किया गया है, जिस कारण हमें मजबूर होकर धरने में बैठना पड़ रहा है।उन्होंने कहा कि जब तक उनका वेतन आहरित नहीं किया जाता, तब तक वो लोग धरने पर ही बैठे रहेंगे. उन्होंने मुख्य शिक्षा अधिकारी से मांग करते हुए कहा कि इस समय अवधि का वेतन उन्हें शीघ्र आहरित किया जाय।शिक्षा विभाग का बयान: वहीं मुख्य शिक्षा अधिकारी अत्रेश सयाना ने कहा कि अतिथि शिक्षकों के ग्रीष्मावकाश और दीर्घकालीन अवकाश के वेतन के संबंध में बताया है कि सभी अतिथि शिक्षकों को शासनादेश के अनुपालन में कार्य की अवधि का वेतन दिया जा रहा है. अर्थात वह जितना समय काम करते है, उसका वेतन उन्हें दिया जा रहा है।उन्होंने कहा कि समय-समय पर विभाग और शासन से उन्हें जो आदेश मिलते है, उन्हीं का अनुपालन करते हुए गेस्ट टीचर्स को वेतन दिया जाता है. किसी भी जिले में इस समय का वेतन दिया गया हो ऐसा नहीं है. सभी जिलों में शासनादेश के नियमों के अनुसार ही शिक्षा अधिकारी वेतन दे रहे है. इसलिए यहां भी शासनादेश का अनुपालन कर अतिथि शिक्षकों को वेतन दिया जा रहा है।
