उत्तराखंड डेली न्यूज़ :ब्योरो
दीवाली 20 अक्टूबर को मनाई जाएगी। हर साल कार्तिक महीने की कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि पर मनाई जाती है। इस खास दिन पर घर को दीयों की रोशनी से जगमग किया जाता है। हालांकि इस चीज को लेकर कन्फ्यूज होता है कि आखिर कितने दीयों को जलाना शुभ माना जाता है। दीवाली का इंतजार हर किसी को होता है। रोशन का पर्व कहे जाने वाले इस त्योहार को हर साल कार्तिक अमावस्या को मनाया जाता है। इस खास दिन पर लक्ष्मी पूजन का विशेष महत्व होता है। मां लक्ष्मी के साथ-साथ भगवान गणेश और कुबेर जी की भी पूजा होती है। कहा जाता है कि इस दिन की गई पूजा से घर में सुख-समृद्धि आती है। वहीं धनतेरस से ही दीपोत्सव की शुरुआत हो जाती है और हर एक दिन घर में दीए जलाए जाते हैं। दीवाली पर घर को दीए से ही सजाया जाता है। हालांकि हर बार ये कन्फ्यूजन होता है। तो चलिए जानते हैं कि आखिर दीवाली वाले दिन घर में कितने दीए जलाना शुभ होता है?दीवाली पर जलाएं इतने दीए,हिंदू धर्म में इस त्योहार का खास महत्व होता है। इसी दिन भगवान राम 14 साल के वनवास के बाद अपने घर अयोध्या वापस लौटे थे। इस खुशी में लोगों ने उनके स्वागत में दीप जलाए थे। इस दिन को ही दीवाली के रूप में सेलिब्रेट किया जाता है। दीवाली पर कभी भी सम संख्या में जैसे 2, 4, 6, 10, 20 दीए घर में कभी नहीं जलाने चाहिए। कहा जाता है कि शुभ काम के लिए हमेशा विषम संख्या में ही दीए जलाए जाने चाहिए। परंपरा अनुसार दीवाली पर 5, 7, 9, 11, 51 या फिर 101 दीए जलाना शुभ माना जाता है।इस दिशा में दीया जलाना है शुभ,ज्योतिषीय मान्यता के हिसाब से दीवाली के दिन उत्तर या उत्तर-पूर्व में जलाए गए दीए का विशेष महत्व होता है। इसे काफी शुभ माना जाता है। ऐसे में दीए को रखते समय दिशा का ध्यान जरूर रखें। घर के मुख्य द्वार और रसोई में दीया जलाना सबसे जरूरी है। कहा जाता है कि इन जगहों पर दीये को जलाने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होकर अपनी कृपा बरसाती हैं।डिस्क्लेमर- (इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।)
