उत्तराखंड डेली न्यूज :ब्योरो
अक्सर कुछ लोग सर्दियों में गर्म पानी से नहाना पसंद करते हैं। लेकिन गर्म पानी से नहाना आपके सेहत के लिए कई मायनों में नुकसानदायक हो सकता है। इसका सबसे बड़ा प्रभाव आपके बालों पर देखने को मिलता है। आइए इस लेख में इसी के बारे में विस्तार से जानते हैं।सर्दियों के दिनों में कड़ाके की ठंड से बचने के लिए अक्सर कुछ लोग गर्म पानी से नहाना पसंद करते हैं। हालांकि यह आदत उस समय तो राहत देती है, लेकिन यह आपके स्वास्थ्य, खासकर त्वचा और हृदय को गंभीर नुकसान पहुंचा सकती है। हमारी त्वचा पर एक प्राकृतिक तेल की परत होती है, जिसे सीबम कहते हैं, जो नमी को बनाए रखने का काम करती है। बहुत गर्म पानी इस प्राकृतिक तेल को पूरी तरह से धो डालता है। ऐसे में बहुत गर्म पानी से नहाने से त्वचा रूखी, बेजान हो जाती है साथ ही खुजली और एलर्जी का जोखिम बढ़ जाता है। इतना ही नहीं, एक्जिमा जैसी त्वचा संबंधी बीमारियां ट्रिगर हो सकती हैं। इसलिए विशेषज्ञों का मानना है कि पानी को केवल ‘गुनगुना’ रखना ही समझदारी है, न कि ‘खौलता हुआ’, ताकि आपको नहाते समय ठंड भी न लगे और अपने स्वास्थ्य को सुरक्षित रख सकें।त्वचा की प्राकृतिक नमी का ह्रास,अत्यधिक गर्म पानी त्वचा की सबसे ऊपरी परत में मौजूद प्राकृतिक नमी और लिपिड बाधा को भंग कर देता है। इस प्राकृतिक तेल को सीबम कहते हैं, जो त्वचा को रूखेपन और बाहरी तत्वों से बचाता है। इसे बार-बार हटाने से त्वचा बहुत ज्यादा रूखी हो जाती है, उसमें खुजली होने लगती है, और रूखेपन के कारण त्वचा में दरारें पड़ सकती हैं।हृदय पर अनावश्यक दबाव,गर्म पानी से नहाने पर रक्त वाहिकाएं तेजी से फैलती हैं, जिसे वासोडिलेशन कहते हैं। यह ब्लडप्रेशर को अचानक कम कर सकता है। हृदय को इस कमी को पूरा करने के लिए तेजी से काम करना पड़ता है। हृदय रोगी या हाई ब्लड प्रेशर वाले लोगों के लिए यह अतिरिक्त प्रयास अनावश्यक दबाव डालता है और खतरनाक साबित हो सकता है।बालों और स्कैल्प को नुकसान,गर्म पानी केवल त्वचा ही नहीं, बल्कि बालों और स्कैल्प के लिए भी हानिकारक है। यह स्कैल्प से प्राकृतिक तेलों को हटा देता है, जिससे स्कैल्प रूखी हो जाती है और डैंड्रफ की समस्या बढ़ सकती है। यह बालों के क्यूटिकल्स को भी क्षतिग्रस्त करता है, जिससे बाल रूखे और बेजान हो जाते हैं और फिर टूटने लगते हैं।तो क्या गर्म पानी नहीं नहाएं? सर्दी में नहाने के लिए सबसे अच्छा तापमान वह है जो सिर्फ गुनगुना हो, न कि भाप वाला गर्म। स्नान की अवधि को भी सीमित रखना चाहिए, 10 से 15 मिनट का स्नान पर्याप्त हैं। गर्म पानी से नहाने के तुरंत बाद शरीर पर मॉइस्चराइजर लगाना जरूरी है, ताकि नमी को त्वचा में रोका जा सके।यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है। हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।
