उत्तराखंड डेली न्यूज: ब्योरो
उत्तराखंड के सरकारी अस्पतालों में टेक्नीशियनों और विशेषज्ञों की भारी कमी के कारण वेंटिलेटर, अल्ट्रासाउंड और एक्स-रे जैसी करोड़ों की मशीनें धूल फांक रही हैं, जिससे मरीजों को इलाज के लिए भटकना पड़ रहा है।उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाएं लचर बनी हुई हैं। सरकारी अस्पतालों में टेक्नीशियन न होने के कारण मशीनें जंक खा रही हैं।मरीजों को उपचार के लिए भटकना पड़ रहा है। राजधानी से लगे प्रेमनगर में चार साल से एसएनसीयू नहीं चल पाया है। पछुवादून और जौनसार बावर में एक्सरे मशीन 5 साल से बंद हैं। त्यूणी के लोगों को तो एक्सरे के लिए पड़ोसी राज्य हिमाचल जाना पड़ रहा है। पौड़ी में दस लाख की लागत वाली अल्ट्रासाउंड मशीन एक साल से बंद पड़ी है। वहीं कुमाऊं के पिथौरागढ़, बागेश्वर, ऊधमसिंहनगर आदि जिलों में भी मरीज बेहाल हैं।
ऊधमसिंह नगर में सीआर्म मेश मशीन छह माह से बंद
काशीपुर के एलडी भट्ट राजकीय चिकित्सालय में सीआर्म मेश मशीन छह महीने से बंद है। हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. राजीव गांधी का चम्पावत तबादला होने से मशीन ऑपरेट नहीं हुई है। किच्छा सीएचसी के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राहुल गौड़ ने बताया कि अल्ट्रासाउंड मशीन टेक्नीशियन नहीं होने के कारण एक साल व एक्सरे मशीन पिछले एक महीने से बंद है।
पौड़ी में अल्ट्रासाउंड मशीन कमरे में बंद
पौड़ी की पीएचसी पाबौ में अल्ट्रासाउंड मशीन बंद होने से मरीजों को पौड़ी या श्रीनगर जाना पड़ता हैं। पाबौ के चिकित्सा प्रभारी डॉ पंकज सिंह ने बताया कि रेडियोलॉजिस्ट नहीं होने से मशीन संचालित नहीं हो पा रही हैं। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बीरोंखाल में अल्ट्रासाउंड, एक्सरे मशीन तो है लेकिन उसे चलाने वाले टेक्निकल नहीं है। उधर नई टिहरी में जिला अस्पताल में एक्से, अल्ट्रसाउंड सहित सभी मशीनें चल रही हैं। एमआरआई की मशीन अभी लगी ही नहीं है। डायलसिस मशीन भी नहीं है।
पिथौरागढ़ में 30 वेंटिलेटर मशीनें बनीं शोपीस
पिथौरागढ़ जिले के विभिन्न अस्पतालों में पांच अल्ट्रासाउंड, एक एक्स-रे, करीब 30 वेंटिलेटर मशीनें शोपीस बनी हुई हैं। वेटिंलेटर वर्ष 2020-21 से व अन्य मशीनें लंबे समय से निष्क्रिय हैं। बागेश्वर में तीन साल लैकोस्कोपी मशीन का संचालक नहीं होने से धूल फांक रही है। सिटी स्कैन मशीन 21 दिन से खराब है। सीएच कांडा में डेंटल चेयर है, लेकिन डॉक्टर नहीं होने से डेंटल चेयर शोपीस बना है। मरीजों को जांच के लिए हल्द्वानी जाना पड़ रहा है। सीएमएस डॉ. तपन शर्मा ने बताया कि सिटी स्कैन मशीन को ठीक करने के लिए जल्द टेक्निशियन आएंगे। चंपावत के लोहाघाट अस्पताल में बीते 13 दिन से एक्सरे मशीन भी खराब चल रही है।रुद्रप्रयाग में एक्सरे व सीटी स्कैन मशीन अनियमित,रुद्रप्रयाग में कई मशीन लंबे समय से बेहतर ढंग से संचालित नहीं हो पा रही हैं। जखोली और अगस्तमुनि में एक्स-रे मशीन में कई बार दिक्कतें आती है। जिला अस्पताल में भी सीटी स्कैन मशीन का नियमित संचालन नहीं हो पा रहा है। एक ही ऑपरेटर होने के कारण यहां मरीज को वापस लौटना पड़ रहा है।
हरिद्वार के मेला अस्पताल में आईसीयू वार्ड बंद
हरिद्वार के मेला अस्पताल में पांच बेड का आईसीयू वार्ड नहीं चलता है। कोरोनाकाल के बाद इसे बनाया गया था लेकिन विशेषज्ञ ना होने के कारण नहीं चल रहा है। मरीजों को बाहर निजी अस्पतालों में जाना पड़ता है जिसका किराया प्रतिदिन 4000 से अधिक है।
