उत्तराखंड डेली न्यूज़ :ब्योरो
देहरादून, 11 नवम्बर 2025 — SGRR विश्वविद्यालय में डॉ. कंचन नेगी ने, राष्ट्रीय शिक्षा दिवस (National Education Day),के अवसर पर एक अत्यंत प्रेरणादायक वर्कशॉप का आयोजन किया. डॉ. नेगी एक अंतरराष्ट्रीय शैक्षणिक शोध एवं विकास विशेषज्ञ, प्रेरक वक्ता, मीडिया एवं कम्युनिकेशन विशेषज्ञ हैं तथा उत्तराखंड हेरिटेज स्कूल ऑफ मीडिया एंड एडवांस्ड स्टडीज़, देहरादून की संस्थापक एवं निदेशक हैं।वर्कशॉप का विषय था — “द फ्यूचर टीचर : ए ब्लेंड ऑफ टेक्नोलॉजी, टैलेंट एंड टेंडरनेस”, जिसमें बी.एड. के विद्यार्थियों को शिक्षण के बदलते स्वरूप पर मार्गदर्शन दिया गया। डॉ. नेगी ने बताया कि आज के युग का शिक्षक केवल तकनीकी रूप से सक्षम ही नहीं, बल्कि संवेदनशील, प्रतिभाशाली और भावनात्मक रूप से जुड़ा हुआ होना चाहिए, तभी वह विद्यार्थियों को प्रेरित कर सकता है।अपने संबोधन में उन्होंने भारतीय शिक्षा प्रणाली के महत्व पर प्रकाश डालते हुए जापान, हांगकांग और थाईलैंड की शिक्षा प्रणालियों से अपने अंतरराष्ट्रीय अनुभव साझा किए। उन्होंने कहा कि यदि हम विद्यार्थियों को केवल अंकों के आधार पर न आँकें, बल्कि उनकी प्रस्तुति और प्रतिभा को महत्व दें, तो शिक्षा प्रणाली में एक बड़ा परिवर्तन लाया जा सकता है।इस अवसर पर माननीय कुलपति, डीन मालविका मैम, आनंद सर, राखी मैम तथा विश्वविद्यालय के अन्य शिक्षकगण उपस्थित रहे। सभी ने वर्कशॉप की सराहना की और विद्यार्थियों की भागीदारी ने कार्यक्रम को और अधिक सफल बनाया।डॉ. कंचन नेगी को अब तक यूके, यूएसए और भारत से 58 से अधिक प्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्त हो चुके हैं। वे निरंतर प्रयासरत हैं कि उत्तराखंड को वैश्विक शैक्षणिक मंच पर स्थापित किया जा सके। वे न केवल उत्तराखंड हेरिटेज स्कूल ऑफ मीडिया एंड एडवांस्ड स्टडीज़ की संस्थापक एवं निदेशक हैं, बल्कि एबिलेंट इंग्लिश इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट (EEII) की संस्थापक भी हैं, जहाँ IELTS, TOEFL, PTE की उच्च स्तरीय प्रशिक्षण के साथ छात्रों को विदेशों में अध्ययन के लिए मार्गदर्शन दिया जाता है। इसके अतिरिक्त, वे डॉ. कंचन्स ABS कोचिंग हब की संस्थापक भी हैं,

जहाँ कक्षा 1 से 12 तक के विद्यार्थियों को मार्गदर्शन और सही दिशा प्रदान की जाती है।वर्कशॉप के अंत में छात्रों के साथ एक इंटरएक्टिव सत्र आयोजित किया गया, जिसमें सभी की सक्रिय भागीदारी रही। यह वर्कशॉप SGRR विश्वविद्यालय के लिए और डॉ. कंचन नेगी के लिए एक यादगार और प्रेरक अनुभव साबित हुई।
