उत्तराखंड डेली न्यूज: ब्योरो
एंकर; अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के अधिवेशन को लेकर उठे विवादों पर कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा दसौनी ने सरकार पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि परेड ग्राउंड, जहां आम राजनीतिक दलों और संगठनों को धरना–प्रदर्शन की अनुमति नहीं मिलती, वहीं एबीवीपी को शहर के बीचोंबीच भव्य अधिवेशन की अनुमति देकर सरकार ने पक्षपात स्पष्ट कर दिया है। दसौनी ने दावा किया कि अधिवेशन के चलते एक महीने तक खिलाड़ियों का अभ्यास बाधित रहा और करोड़ों का खर्च सार्वजनिक सुविधाओं पर पड़ा। उन्होंने सवाल उठाया कि परेड ग्राउंड को स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत पार्क में बदलने की बात कहकर रावण दहन जैसे आयोजनों तक पर रोक लगाने वाली सरकार ने इस अधिवेशन के लिए उदार रुख क्यों अपनाया? मुख्य प्रवक्ता ने यह भी कहा कि बेरोजगार संघ के शांतिपूर्ण धरने में लगे चंद नारों पर सरकार और आईटी सेल ने जिस तरह विरोधियों को ट्रोल किया, उसी तरह एबीवीपी अधिवेशन में लगे “सरकार को कठघरे में खड़े करने वाले” नारों पर चुप्पी यह दिखाता है कि सरकार अपने समर्थकों के लिए सात खून माफ मानती है। दसौनी ने कहा कि जेएनयू में लगे नारों पर छात्रों को सालों तक सजा मिली, लेकिन एबीवीपी से कोई सवाल नहीं पूछा जाता। यही सरकार के दोहरे मापदंड की सबसे बड़ी तस्वीर है।
