उत्तराखंड डेली न्यूज: ब्योरो
रम का आधार गन्ने से निकला मोलासेस या शुगरकेन जूस होता है. इसे पहले अच्छी तरह फर्मेंट किया जाता है, ताकि प्राकृतिक शुगर टूटकर अल्कोहल में बदल जाए. इसके बाद इसे डिस्टिल कर बैरल में एजिंग के लिए डाल दिया जाता है. यही वजह है कि रम का कलर, स्मेल और मिठास बाकियों से अलग होती है.रम में एजिंग ज्यादा होती है, और यह गन्ने से सीधे बनती है, इसलिए इसे प्रोसेसिंग के मामले में अपेक्षाकृत नेचुरल माना जाता है. इसमें किसी अतिरिक्त फ्लेवर की जरूरत बहुत कम पड़ती है.व्हिस्की की जड़ें अनाज में होती हैं, जैसे बार्ले, मक्का, गेहूं या राई. इन अनाजों को पहले माल्ट किया जाता है, फिर गर्म पानी में मिलाकर फर्मेंट किया जाता है.इसके बाद इसे डिस्टिल कर लंबे समय तक लकड़ी के बैरल में रखा जाता है, जो इसका असली स्वाद, रंग और सुगंध बनाता है.व्हिस्की की मेकिंग प्रोसेस लंबी और कई स्टेप्स वाली होती है, इसलिए इसे प्राकृतिक तत्वों से बनने के बावजूद ज्यादा प्रोसेस्ड माना जाता है.वोदका सबसे क्लीन ड्रिंक मानी जाती है, लेकिन यह सबसे नेचुरल है या नहीं, यह बहस का मुद्दा है. वोदका किसी भी चीज से बन सकती है, जैसे आलू, अनाज, यहां तक कि शुगर बीट्स से भी. इसे कई बार डिस्टिल किया जाता है, ताकि अधिकतम शुद्धता मिले. कई ब्रांड्स इसे सात से दस बार तक डिस्टिल करते हैं और फिर कार्बन फिल्टर से गुजारते हैं.इसलिए वोदका का असली स्वाद लगभग गायब हो जाता है और यह पूरी तरह न्यूट्रल बन जाती है. यानी इसे नेचुरल कहने के बजाय सबसे ज्यादा प्रोसेस्ड कहना ज्यादा सही है.
