उत्तराखंड डेली न्यूज: ब्योरो
उत्तराखंड में इन दिनों कड़ाके की ठंड पड़ रही है। हिमालय से सटे इलाकों में पारा माइनस 12 डिग्री तक पहुंच गया है। भारी बर्फबारी के बीच कुछ इलाकों में बारिश का अलर्ट है।उत्तराखंड में दिसंबर की ठंड ने जोर पकड़ लिया है और राज्य में तापमान लगातार नीचे जा रहा है। देहरादून, हरिद्वार और कुमाऊं के निचले इलाकों में सुबह-शाम कड़ाके की ठंड के साथ कोहरा बढ़ गया है। पहाड़ों पर सर्द हवाओं का असर और अधिक दिखाई दे रहा है, जिससे दिन के तापमान में भी गिरावट बनी हुई है। चारधाम और हिमालयी इलाकों में तापमान माइनस 12 डिग्री तक पहुंच गया है। मौसम विभाग का कहना है कि अगले कुछ दिनों तक राज्य में कड़ाके की ठंड का दौर जारी रहेगा और नमी के कारण कई जगह विजिबिलिटी प्रभावित हो सकती है। अगले कुछ दिन कुछ जिलों में बारिश की संभावना है।इन इलाकों में बारिश की संभावना
IMD के ताजा पूर्वानुमान के मुताबिक, उत्तराखंड में 2 से 4 दिसंबर तक मौसम शुष्क बना रहेगा, लेकिन 5 दिसंबर के बाद बदलाव की संभावना जताई गई है। मौसम विभाग ने बताया कि राज्य के ऊंचे हिमालयी क्षेत्रों जैसे उत्तरकाशी, चमोली, बागेश्वर, रुद्रप्रयाग और पिथौरागढ़ में हल्की बारिश या बर्फबारी हो सकती है। इन जिलों के 3,000 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में हिमपात की संभावना है, जबकि निचले हिस्सों में हल्की बूंदाबांदी का पूर्वानुमान है। हालांकि देहरादून, हरिद्वार और ऊधमसिंहनगर जैसे मैदानी जिलों में मौसम शुष्क ही रहने की संभावना है।माइनस 12 डिग्री तापमान,मौसम विभाग ने पर्वतीय मार्गों पर यात्रा कर रहे लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी है। हल्की बारिश-बर्फबारी का असर ऊंचे क्षेत्रों में सड़क फिसलन, ठंड में तेजी और दृश्यता में कमी के रूप में देखने को मिल सकता है। चारधाम क्षेत्र यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ में तापमान लगातार शून्य से नीचे बना हुआ है। कई जगह तापमान -8°C से -12°C के आसपास दर्ज किया गया है, हालांकि यह तापमान स्थानीय मौसम केंद्रों के अनुसार ऊंची चोटियों तक सीमित है।
चेतावनी
IMD ने आगाह किया है कि दिसंबर के दूसरे सप्ताह में भी तापमान में और गिरावट की पूरी संभावना है। विभाग का कहना है कि ठंड का असर इस बार सामान्य से ज़्यादा रहेगा और उत्तराखंड के कई जिलों में सर्द हवाएँ चलती रहेंगी। पर्वतीय जिलों में रहने वाले लोगों को ठंड से बचाव के पूरे इंतज़ाम रखने, पर्यटकों को मौसम अपडेट देखकर ही यात्रा करने और किसान समुदाय को सुबह-शाम तापमान गिरावट के अनुरूप फसल सुरक्षा के उपाय अपनाने की सलाह दी गई है।
