उत्तराखंड डेली न्यूज़ :ब्योरो
केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह में सोने की प्लेट लगाए जाने के मामले में बीकेटीसी को क्लीन चिट गई है। गढ़वाल कमिश्नर की रिपोर्ट सामने आई है।उत्तराखंड के पवित्र श्री केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह को स्वर्णमंडित कराने को लेकर गढ़वाल मंडल आयुक्त ने अपनी रिपोर्ट दे दी है। श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (BKTC) को मामले में क्लीन चिट मिल गई है। इस प्रकरण में जांच अधिकारी ने कहा है कि बीकेटीसी ने न तो खुद सोना खरीदा और न ही गर्भगृह में सोना लगवाया। बीकेटीसी ने केवल दानदाता का सहयोग किया था। इस मामले को लेकर बीकेटीसी पर कई आरोप लगाए गए थे। इसके बाद जांच की प्रक्रिया को पूरा कराश्या गया।आरटीआई एक्टिविस्ट अनिल सेमवाल ने केदारनाथ धाम के गर्भगृह को स्वर्ण मंडित कराने के प्रकरण को लेकर पर्यटन एवं धर्मस्व विभाग से विभिन्न बिंदुओं को लेकर सूचना मांगी गई थी। सूचना के अधिकार में मांगी गयी इस जानकारी के जवाब में पर्यटन अनुभाग ने शासन स्तर पर प्रचलित पत्रावली और गढ़वाल आयुक्त की जांच रिपोर्ट भेजी है।जांच रिपोर्ट में क्या है?
इस जांच रिपोर्ट के अनुसार केदारनाथ धाम के गर्भगृह को स्वर्ण मंडित कराने को लेकर हुए विवाद के बाद जांच में किसी प्रकार की अनियमितता की बात सामने नहीं आयी है। गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडेय ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ने ना ही सोना खरीदा और ना ही अपने स्तर से लगवाया। बीकेटीसी ने मंदिर के गर्भगृह को स्वर्ण मंडित कराने वाले दानीदाता को शासन से मिले निर्देशों के अनुसार सहयोग दिया है।जांच रिपोर्ट में आयुक्त विनय शंकर पांडेय ने कहा है कि केदारनाथ धाम के गर्भगृह में सोने की प्लेटें लगाए जाने में बरती गई अनियमितताओं के संबंध में शासन ने 23 जून, 2023 को उन्हें जांच अधिकारी नियुक्त किया था। इस क्रम में वे 21 जुलाई, 2023 को स्वर्ण परत लगाने के दौरान रुद्रप्रयाग में तैनात जिलाधिकारी मयूर दीक्षित और उनके बाद जिलाधिकारी रहे सौरभगहरवार तथा बीकेटीसी के तत्कालीन मुख्य कार्याधिकारी योगेंद्र सिंह के साथ केदारनाथ पहुंचे और मामले की जांच की।
