उत्तराखंड डेली न्यूज: ब्योरो
यूकेएसएसएससी पेपर लीक कांड को लेकर युवा आंदोलनकारी और सरकार आमने-सामने हैं। युवा लगातार मामले में सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं। इस बीच भाजपा विधायक मुन्ना सिंह चौहान का एक वीडियो सामने आया है।उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) की परीक्षा में हुए कथित पेपर लीक मामले मामले में आंदोलनरत बेरोजगारों और राज्य सरकार के बीच गतिरोध जारी है। प्रदर्शनकारी मामले में सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं। उधर, सरकार की तरफ से सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि युवा एसआईटी की रिपोर्ट आने का इंतजार करें। इस बीच उत्तराखंड में भाजपा विधायक मुन्ना सिंह चौहान का बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। उन्होंने उत्तराखंड में पेपर लीक कांड को संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक से ‘कनेक्ट’ कर दिया। पूरा मामला समझते हैं।शनिवार को विकासनगर से भाजपा विधायक मुन्ना सिंह चौहान ने यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले में प्रेस कॉन्फ्रेंस की और सरकार का बचाव किया। पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए चौहान ने परीक्षा स्थल में जैमर को लेकर पूछे जा रहे सवालों का जवाब दिया। चौहान ने कहा कि “आप लोग पूछ सकते हैं कि जैमर जब था तो पेपर बाहर कैसे गया, मैं तो खुद कह रहा हूं कि यह तकनीकी समस्या की वजह से दिक्कत हो सकती है।” मुन्ना सिंह चौहान ने तकनीकी समस्या का उदाहरण देते हुए यूएन बैठक का जिक्र किया।पेपर लीक प्रकरण को यूएन बैठक से जोड़ा,मुन्ना सिंह चौहान ने कहा, “अभी न्यूयॉर्क में यूनाइटेड नेशन के जनरल एसेंबली की बैठक चल रही थी। जैसे ही एक देश का राष्ट्रपति बोलने आया, तुर्की का… वो साउंड सिस्टम स्विच ऑफ हो गया। और दूसरी तरह एक महिला जो पूरी प्रोसिंसिग को कंडक्ट कर रहीं थी, कहती रहीं… आई एम सॉरी मिस्टर प्रेजिडेंट यह तकनीकी समस्या के कारण हो रहा है। इसलिए बिल्कुल तकनीकी फेलियर में या तकनीकी समस्या में इसकी संभावना भी हो सकती है।”
रिटायर्ड जस्टिस यूसी ध्यानी को जांच की कमान
उत्तराखंड सरकार ने पेपर लीक और नकल के आरोपों की जांच के लिए सेवानिवृत्त हाईकोर्ट जज न्यायमूर्ति यूसी ध्यानी की अध्यक्षता में एक सदस्यीय आयोग बनाया है। सरकार ने बताया कि यह कदम 21 सितंबर को हुई परीक्षा के दौरान नकल की शिकायतों के बाद, जनहित और आरोपों की गंभीरता को देखते हुए उठाया गया है। शुरुआत में यह जिम्मेदारी न्यायमूर्ति बीएस वर्मा को देने का प्रस्ताव था, लेकिन उन्होंने व्यक्तिगत कारणों और समय की कमी का हवाला देते हुए इसे स्वीकार नहीं किया।
