उत्तराखंड डेली न्यूज़ :ब्योरो
देहरादून के फुलेत गांव में आपदा के चलते तीन लापता श्रमिकों के शव बरामद हुए हैं और गांव में बिजली-पानी की सप्लाई ठप होने से लोग गदेरे का पानी पीने को मजबूर हैं, वहीं चार दिन से बीमार एक व्यक्ति को हेलीकॉप्टर से एयर लिफ्ट कर अस्पताल पहुंचाया गया।देहरादून के फुलेत गांव में आपदा के बाद दुश्वारियां कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। यहां गंभीर रूप से बीमार शुभम को चार दिन तक उपचार नहीं मिल पाया। गुरुवार शाम हेलीकॉप्टर से एयर लिफ्ट करके उसे दून के अस्पताल तक पहुंचाया गया।600 से अधिक आबादी वाला यह गांव अब खतों और सड़कों पर जमे मलबे और जल संकट समेत तमाम चुनौतियों से जूझ रहा है। ग्राम प्रधान जयकृष्ण ममगाईं के अनुसार, यहां अतिवृष्टि के चलते 10 दुकानें, एक पिकअप और कई दोपहिया वाहन बह गए। आधी से अधिक खेती-बाड़ी नष्ट हो गई। अदरक की फसल तक पानी में बह गई। सतीश ममगाईं ने कहा कि यहां जीवन थम-सा गया है। यही नहीं, पानी की लाइनें बह चुकी हैं। लोग गदेरे का पानी पीने को मजबूर हैं। गांव का चौराहा ‘बैंकली’ मलबे में तब्दील है। मोहन लाल ममगाईं और विशालमणि ममगाईं की दुकानें बह गईं। उन्होंने बताया कि जहां छह श्रमिक रुके हुए थे, अब वहां 50 फीट गहरा गड्ढा बन गया है। वहीं, पूर्व ग्राम प्रधान हरदयाल सिंह समेत पांच परिवारों को दूसरे घरों में शिफ्ट किया गया है। इनमें भावना दत्त काला, जीतराम काला, मोहनलाल डबराल और भावना दत्त डबराल के परिवार भी शामिल हैं। बता दें कि आपदा के चलते गदेरा का रुख अब इनके मकानों से होकर जा रहा है, जिससे हर पल मकानों पर खतरा बना हुआ है।
