उत्तराखंड डेली न्यूज: ब्योरो
उत्तराखंड में हर साल दूसरे राज्यों से भारी संख्या में वाहन आते हैं जिससे यहां के पर्यावरण पर पॉल्यूशन का अतिरिक्त भार पड़ता है. इसलिए ये फैसला लिया गया है.अगर आप उत्तराखंड घूमने की तैयारी कर रहे हैं तो अब आपके लिए ये और महंगा होने जा रहा है. क्योंकि, राज्य सरकार ने दूसरे राज्यों से आने वाले वाहनों पर ग्रीन सेस टैक्स लगाने की तैयारी कर रही है. ये टैक्स दिसंबर महीने के दूसरे हफ्ते से शुरू हो सकता है. इसके तहत दूसरे राज्यों से आने वाली गाड़ियों को ग्रीन सेंस टैक्स देना होगा. ये टैक्स दूसरे राज्यों से आने वाली गाड़ियों के फास्ट टैग के ऑटोमैटिक कट जाएगा. उत्तराखंड के अपर परिवहन आयुक्त एस के सिंह ने बताया कि ये ग्रीन सेस टैक्स लेने की पूरी प्रक्रिया ANPR कैमरों के ज़रिए होगी. इन वाहनों को अलग-अलग श्रेणी में रखा गया है, जिसके हिसाब से ग्रीन सेस टैक्स की दरें भी तय की गई हैं. अगर कोई गाड़ी एक दिन में दो बार राज्य में प्रवेश करती है तो दूसरी बार ये टैक्स नहीं लिया जाएगा.
इन वाहनों को चुकाना होगा इतना टैक्स
परिवहन विभाग के मुताबिक चार पहिया वाहनों 80 रुपये बतौर ग्रीन सेस टैक्स लिए जाएंगे. जबकि डिलीवरी वैन से 250 रुपये, भारी वाहनों पर 120 रुपये प्रतिदिन, बस पर 140 रुपये और ट्रक पर उसके साइज के हिसाब से 140 से 700 रुपये तक ग्रीन सेंस टैक्स लगेगा. ये टैक्स 24 घंटे के लिए मान्य होगा. विभाग के मुताबिक इससे राज्य सरकार को हर साल क़रीब 100-150 करोड़ रुपये का राजस्व मिलेगा.इस टैक्स के दायरे के कई वाहनों को अलग भी रखा गया है. दूसरे राज्यों से आने वाले दोपहिया वाहनों पर ये ग्रीन सेस टैक्स नहीं लगेगा. इलेक्ट्रिक और सीएनजी वाहनों को भी छूट दी गई है. जबकि सरकारी वाहन, फायर ब्रिगेड की गाड़ी, एंबुलेंस इत्यादि को भी ये टैक्स नहीं देना पड़ेगा. पहले इसकी शुरुआत 1 दिसंबर से होने वाली थी लेकिन, कुछ तकनीकी वजहों से इसमें देरी हो सकती है.
एएनपीआर कैमरों से रखी जाएगी नजर
परिवहन विभाग के मुताबिक़ ये पूरी प्रक्रिया अत्याधुनिक और पारदर्शी होगी. ये काम एक प्राइवेट कंपनी संभालेगी. इस कंपनी ने उत्तराखंड की सीमाओं पर 16 प्वाइंट चिन्हित किए हैं. इन जगहों पर ANPR कैमरे यानी ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन कैमरे लगाए गए हैं. ये कैमरे दूसरे राज्यों के वाहनों को चिन्हित करेंगे और फास्ट टैग के जरिए ऑटोमैटिक टैक्स कट जाएगा.राज्य सरकार का कहना है कि इस टैक्स से जो राजस्व प्राप्त होगा. उसे राज्य में एयर पॉल्यूशन कंट्रोल, सड़क सुरक्षा और शहरी परिवहन सुधार के लिए इस्तेमाल किया जाएगा. जिससे राज्य को अन्य विकास कार्य करने में भी मदद मिलेगी.
