उत्तराखंड डेली न्यूज: ब्योरो
देहरादून, 15 नवम्बर 2025: यूपीईएस ने आज रेनेसां 4.0: इंटरनेशनल स्पेस कन्वेंशन 2025 का समापन किया। यह तीन दिवसीय आयोजन (13-15 नवम्बर) स्कून ऑफ एडवांस्ड इंजीनियरिंग एसओएई द्वारा होस्ट किया गया और इनफिनिटी स्पेस क्लब (एआईएए ग्लोबल स्टूडेंट चैप्टर, रीजन VII) तथा मान्यता प्राप्त इसरो स्पेस ट्यूटर द्वारा आयोजित किया गया। पूरे सम्मेलन के दौरान इंडस्ट्री लीडर्स, वैज्ञानिक, शोधकर्ता और छात्र यूपीईएस में एकत्र हुए और भारत के एयरोस्पेस तथा स्पेस-टेक्नोलॉजी लक्ष्यों को आगे बढ़ाने के लिए केन्द्रित संवाद, समुदाय-निर्माण और अनुभव-आधारित सीख (एक्सपीरिएन्शियल लर्निंग) में शामिल हुए।नॉर्थ ईस्टर्न स्पेस एप्लिकेशंस सेंटर एनईएसएसी और इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ रिमोट सेंसिंग आईआईआरएस के निदेशकों तथा इंडियन स्पेस एसोसिएशन आईएस्पा और एसआईए-इंडिया (‘एन इंडस्ट्री फ़ॉर स्पेस’ एसोसिएशन) के डायरेक्टर जनरल की विशिष्ट उपस्थिति ने कार्यक्रम के राष्ट्रीय महत्व को रेखांकित किया। सम्मेलन में इन प्रमुख विषयों पर चर्चा हुईः एयरोस्पेस सामग्री व विनिर्माण; द्रव व तापीय विज्ञान; उन्नत प्रणोदन व दहन; स्पेस सिस्टम्स व अन्वेषण; संरचनात्मक अखंडता व विश्लेषण; फ़्नाइट डायनेमिक्स व नियंत्रण; मानवरहित हवाई प्रणानियाँ – यूएएस व एयरबोर्न डिफेन्स सिस्टम्स; एआई/एमएन इन एयरोस्पेस; विमानन सुरक्षा व पर्यावरणीय सततता।प्रतिभागियों ने हँड्स-ऑन सेशंस में उन्नत सॉफ़्टवेयर टूल्स, व्यावहारिक वैज्ञानिक अनुप्रयोगों और टीम-आधारित समस्या-समाधान पर काम किया। पूरे कार्यक्रम में स्टूडेंट-केंद्रित चुनौतियों के माध्यम से सीख को प्रदर्शित किया गया हैबिटेट X ने बायोमिमिक्री, नवीकरणीय ऊर्जा और एआई रेगुलेशन के संगम पर डिजाइन-थिंकिंग को बढ़ावा दियाः क्राइसिस ISS ने मिशन-यथार्थ परिदृश्यों के ज़रिये टीमवर्क और शीघ्र निर्णय क्षमता को मजबूत किया; और मे डे! एयर क्रैश इन्वेस्टिगेशन ने डेटा-आधारित विश्लेषण व सहयोगी जाँच कौशल को विकसित किया। इसके साथ फ्लैगशिप प्रतियोगिताएँ-कॉस्मिक काउंसिल (स्पेस-थीम्ड मॉडन यूएन), गैलेक्टिक कोड (स्पेस हैकाथॉन) और इग्निटरः पिच योर स्टार्टअप ने समस्या-वक्तव्यों, प्रोटोटाइप और अमल (इम्प्लिमेंटेशन) के रास्तों पर सार्थक चर्चा को आगे बढ़ाया।कार्यक्रम में बोलते हुए लेफ्टिनेंट जनरन अनिल कुमार भट्ट, डीजी, आईएस्पा ने कहा, “रेनेसां 4.0 एक परिपक्व होती हुई इकोसिस्टम को दर्शाता है-जहाँ सफलता केवल लॉन्च से नहीं, बल्कि मानकों, सुरक्षा और सतत संचालन से मापी जाती है। यदि भारतीय छात्र विश्वविद्यालय स्तर पर डिब्रिस मिटिगेशन, इंटरऑपरेबल सिस्टम्स और मिशन विश्वसनीयता के लिए डिज़ाइन कर सकते हैं, तो उद्योग को पहले दिन से फ्लाइट रेडी टीमों का लाभ मिलेगा।”समापन पर डॉ. राम शर्मा, वाइस चांसलर, यूपीईएस ने कहा, “रेनेसां 4.0: इंटरनेशनल स्पेस कन्वेंशन 2025 भारतीय एयरोस्पेस के भविष्य के लिए एक मजबूत प्रेरक साबित हुआ है। इसरो, आईएस्पा और एआईएए के अग्रणी विशेषज्ञों को साथ लाने से हम केवल स्पेस टेक्नोलॉजी पर बात ही नहीं कर रहे थे-हमने अपने छात्रों को कठिन और उच्च-दांव वाली चुनौतियों से भी गुजारा। हमारा लक्ष्य एक ‘फ्लाइट रेडी’ वर्कफोर्स तैयार करना है, जिसके लिए हम उन्हें अभी से टीमवर्क और त्वरित निर्णय लेने की क्षमता में निपुण बना रहे हैं। हम प्रतिभा को संवारने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं, ताकि ये छात्र जागरुक, ज़िम्मेदार नेता बनें और भारत के अंतरिक्ष भविष्य को दिशा दें।”नेशनल स्पेस कन्वेंशन एनएससी की 2018 से चली आ रही परंपरा पर आधारित इस 2025 संस्करण ने रिसर्च ट्रांसलेशन, वर्कफ़ोर्स रेडीनेस और उत्तरदायी नवाचार पर विशेष जोर रखा। सम्मेलन की शोध-मुखी दिशा के अनुरूप,डेलिगेट्स को अपने कार्य को प्रतिष्ठित जर्नल्स में प्रकाशित कराने के अवसर मिलेंगे, जिससे उनकी अंतरराष्ट्रीय दृश्यता और इंडस्ट्री लिंकेंज मजबूत होंगे।
अधिक जानकारी के लिए, कृपया देखें: www.upes.ac.in.
