उत्तराखंड डेली न्यूज़: ब्योरो
दिल्ली में यमुना नदी को साफ करने के लिए आठ सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) को आधुनिक बनाया जा रहा है। इन एसटीपी से निकलने वाले पानी में बायोकेमिकल ऑक्सीजन डिमांड (बीओडी) 10 मिलीग्राम प्रति लीटर तक होगी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को आठ अन्य एसटीपी का उद्घाटन किया। दिल्ली के जल मंत्री प्रवेश वर्मा ने कहा कि सभी पुराने एसटीपी को भी 10 मिलीग्राम प्रति लीटर बीओडी के मानक के अनुसार उन्नत किया जा रहा है।दिल्ली के आठ सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) के उन्नयन और क्षमता विस्तार से यमुना की सफाई में मदद मिलेगी। इन एसटीपी से उपचारित पानी की बायोकेमिकल ऑक्सीजन डिमांड (बीओडी) 10 मिलीग्राम प्रति लीटर होगी। कई अनधिकृत कॉलोनियों और गांवों में सीवर लाइनों की कमी भी नदी के प्रदूषण में योगदान दे रही है।इन इलाकों में सीवर लाइन बिछाने का काम तेज किया जा रहा है। यमुना के प्रदूषण का एक बड़ा कारण इसमें गिरने वाला सीवेज है। सीवेज ट्रीटमेंट के लिए 37 एसटीपी हैं, लेकिन इनमें से ज्यादातर अपनी क्षमता और मानकों के मुताबिक काम नहीं करते। उन्नयन का काम चल रहा है। एनजीटी के आदेश के बाद 2015 में 18 एसटीपी के उन्नयन का प्रस्ताव तैयार किया गया था।दिल्ली के जल मंत्री प्रवेश वर्मा ने कहा कि पहले एसटीपी 30 मिलीग्राम प्रति लीटर बीओडी के मानक पर बनाए जाते थे। अब सभी 10 मिलीग्राम प्रति लीटर बीओडी के मानक पर बनाए जा रहे हैं। सभी पुराने एसटीपी को भी इसी मानक के अनुसार उन्नत किया जा रहा है।
