उत्तराखंड डेली न्यूज़ :ब्योरो
देहरादून पुलिस और अन्य एजेंसियों की ओर से गहनता से जांच करने पर यह बात सामने आई कि वीडियो पूरी तरह से भ्रामक और एआई (AI) की मदद से बनाया गया है।उत्तराखंड के देहरादून जिले के ऋषिकेश में बंजी जंपिंग एलिवेटेड प्लेटफार्म के टूटने का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। दावा किया गया है कि प्लेटफॉर्म के टूटने की वजह से तीन लोगों की मौत हो गई थी। लेकिन, देहरादून पुलिस की जांच में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। सोशल मीडिया पर वीडियो को काफी लोगों ने अपने सोशल मीडियो प्लेटफॉर्म शेयर भी किया है।दावा किया गया है कि प्लेटफॉर्म के टूटने के बाद तीन लोग गहरी खाई में गिर गए थे, जिसकी वजह से उनकी मौत हो गई थी। वायरल वीडियो का संज्ञान लेते हुए एसएसपी देहरादून द्वारा वीडियो में बताए गए तथ्यों की जांच के निर्देश दिए गए थे। सोशल मीडिया में वीडियो के वायरल होने के बाद पुलिस ने मामले की गंभीरता से जांच शुरू की।पुलिस की प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई कि ‘द क्लिफ’ (The Cliff) नाम के रिजॉर्ट तथा बंजी जंपिंग एलिवेटेड प्लेटफॉर्म का वीडियो नेपाल का है। देहरादून पुलिस और अन्य एजेंसियों की ओर से गहनता से जांच करने पर यह बात सामने आई कि वीडियो पूरी तरह से भ्रामक और एआई (AI) की मदद से बनाया गया है। AI जेनरेटेड वीडियो और बंजी जंपिंग एलिवेटेड प्लेटफार्म से मिलते जुलते बंजी जंपिंग एलिवेटर के नेपाल में है।सोशल मीडिया में वायरल होने के लिए कुछ अराजक तत्वों द्वारा वीडियो का ऋषिकेश से जोड़कर वायरल करने की कोशिश की गई थी। देहरादून एसएसपी अजय सिंह ने लोगों से अपील की है कि सोशल मीडिया पर भ्रामक और गलत प्रचार करने से परहेज करें। उन्होंने कहा कि किसी भी वीडियो या फिर किसी घटना की सत्यता को जांचें बिना फॉरवर्ड या शेयर करने से बचें।कहना था कि सोशल मीडिया पर पुलिस लगातार बनाये नजर बनाए हुए है। एसएसपी सिंह ने कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि सोशल मीडिया पर भ्रामक खबरें प्रचारित/प्रसारित करने वालों के विरुद्ध होगी सख्त वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।सोशल मीडिया पर पुलिस की विशेष टीम की नजर
देहरादून पुलिस की ओर से गठित एक विशेष टीम सोशल मीडिया पर नजर बनाए रखी हुई है। टू-व्हीलर या फि फोर-व्हीलर से सड़कों पर स्टंट करने वालों पर भी पुलिस ने नजर रखी हुई है। स्टंटबाजों की पहचान कर पुलिस की ओर से सख्त से सख्त चालानी कार्रवाई भी की जा रही है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर तथ्यहीन तथा भ्रामक खबरें प्रसारित करने वालों को पुलिस द्वारा लगातार चिह्नित किया जा रहा है।
