उत्तराखंड डेली न्यूज़: ब्योरो
बद्रीनाथ धाम, उत्तराखंड में अलकनंदा नदी के किनारे स्थित है. भगवान विष्णु ने बच्चे का रूप धारण कर शिवजी और पार्वती से यह स्थान प्राप्त किया. तब से यह विष्णु का धाम बन गया!
बद्रीनाथ धाम अलकनंदा नदी के किनारे स्थित है.
विष्णु ने बच्चे का रूप धारण कर शिवजी से स्थान प्राप्त किया.
तब से बद्रीनाथ धाम भगवान विष्णु का धाम बन गया.
बद्रीनाथ धाम: चार धाम में प्रमुख धाम बद्रीनाथ मंदिर यानी बद्रीनाथ धाम जो उत्तराखंड में अलकनंदा नदी के किनारे हिमालय की गोद में स्थित है. शास्त्रों के अनुसार यहां स्वयं भगवान विष्णु ने ध्यान लगाया था. ज्ञान के लिए विष्णु जी हिमालय की ओर चलने लगे तो उन्हें रास्ते में एक सुंदर स्थान दिखाई दिया जिसे उन्होंने अपने ध्यान के लिए चुना. वहां जाकर जब विष्णु जी ने देखा तो एक कुटिया में भोलेनाथ और माता पार्वती पहले से विराजमान थे. भगवान विष्णु इस स्थान पर तपस्या करना चाहते थे. उन्हें डर था यह घर मांगने पर शिव जी क्रोधित हो सकते हैं. शिव जी के क्रोध की वजह से वह इस स्थान को मांगना नहीं चाहते थे. इस स्थान को महादेव से मांगने के लिए भगवान विष्णु ने एक उपाय सोचा!
इस रत्न से बढ़ जाता है प्रॉपर्टी और रियल एस्टेट का काम,ये लोग बिल्कुल भी ना पहनें! साढ़ेसाती के प्रभाव से मिलेगी मुक्ति भगवान विष्णु ने बच्चे का लिया अवतार : भगवान विष्णु ने उसे कुटिया के सामने एक बच्चे का स्वरूप धारण किया और रोने लगे. बालक के रोने की आवाज से मां पार्वती दयाभाव से दौड़कर उस बच्चे को उठाने लगी. शिवजी के मना करने के बाद भी पार्वती जी नहीं मानी और शिवजी को निर्दयी बोलते हुए उस बालक को गोद में उठा लिया और घर के अंदर आ गई. बच्चे को दूध पिलाकर उन्होंने सुला दिया. इसके पश्चात शिवजी और पार्वती जी पास में मौजूद तप्त कुंड में स्थान के लिए चले गए!
