उत्तराखंड डेली न्यूज़: ब्योरो
ग्राफिक एरा डीम्ड टू बी विश्वविद्यालय, देहरादून के प्रबंधन अध्ययन विभाग की शोधार्थी डॉ. मेघा ओझा ने “भावनात्मक बुद्धिमत्ता का कार्य प्रदर्शन पर प्रभाव तथा कार्य संतोष की मध्यस्थ भूमिका: उत्तराखंड के नर्सों पर एक अध्ययन” विषय पर अपनी शोध उपाधि (पीएच.डी.) का सफलतापूर्वक मौखिक परीक्षण पूर्ण किया। डॉ. ओझा का शोध कार्य विभाग के प्रोफेसर डॉ. विनय काण्डपाल के निर्देशन में सम्पन्न हुआ। थीसिस रक्षा के अवसर पर भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, खड़गपुर के प्रोफेसर डॉ. कैलाश बी. एल. श्रीवास्तव परीक्षक के रूप में उपस्थित रहे, जबकि डीआरसी अध्यक्ष डॉ. नवनीत रावत ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। इस अवसर पर विभाग के संकाय सदस्य, शोधार्थी एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। सभी ने डॉ. ओझा को उनकी इस महत्वपूर्ण शैक्षणिक उपलब्धि पर हार्दिक शुभकामनाएं दीं।
डॉ. ओझा के शोध में भावनात्मक बुद्धिमत्ता और कार्य प्रदर्शन के मध्य संबंधों का विश्लेषण किया गया है, जिसमें कार्य संतोष की भूमिका को एक महत्वपूर्ण मध्यस्थ तत्व के रूप में रेखांकित किया गया है। यह अध्ययन नर्सिंग पेशेवरों की कार्यक्षमता, संतोष स्तर और स्वास्थ्य सेवा प्रबंधन में गुणवत्ता सुधार की दिशा में सार्थक योगदान दे सकता है।
