उत्तराखंड डेली न्यूज़: ब्योरो
तृप्ति कालरा, ऋषिकेश की समाजसेविका, पिछले पांच सालों से गरीब बच्चों को फ्री एजुकेशन दे रही हैं. वह खुले आसमान के नीचे बच्चों को पढ़ाती हैं और आत्मविश्वास व अनुशासन सिखाती हैं।तृप्ति कालरा गरीब बच्चों को फ्री एजुकेशन देती हैं.
ऋषिकेश में नीली तिरपाल के नीचे चलता है स्कूल.
तृप्ति बच्चों को आत्मविश्वास और अनुशासन सिखाती हैं.
ऋषिकेश: शिक्षा किसी भी समाज की रीढ़ होती है. जब यह शिक्षा उन बच्चों तक पहुंचती है जो समाज के सबसे कमजोर वर्ग से आते हैं, तब वह समाज के उज्जवल भविष्य की नींव बनती है. उत्तराखंड के ऋषिकेश में रहने वाली तृप्ति कालरा भी ऐसी ही एक समाजसेविका हैं, जो पिछले पांच सालों से गरीब बच्चों को फ्री एजुकेशन देकर उनके भविष्य को बेहतर बनाने में लगी हुई हैं. उनका यह काम न केवल इंस्पिरेशनल है, बल्कि समाज के लिए एक सकारात्मक मिसाल भी है।गरीब बच्चों का भविष्य संवारने में जुटी तृप्ति,लोकल 18 से बातचीत में तृप्ति कालरा ने बताया कि वह एक सामान्य गृहिणी हैं, लेकिन उनका सोच सामान्य नहीं. उन्होंने सोशल मीडिया पर एक व्यक्ति को गरीब बच्चों को पढ़ाते देखा और उनसे प्रेरणा लेकर खुद भी ऐसा करने का फैसला किया. न तो उन्होंने कोई बड़ा स्कूल खोला, न किसी संस्था से मदद ली, बस अपने मन और हौसले से शुरुआत की. कोयलघाटी के पास एम्स रोड पर खुले आसमान के नीचे ही वह गरीब बच्चों को पढ़ाने लगीं. शुरुआत में कुछ ही बच्चे आते थे, लेकिन धीरे-धीरे उनकी संख्या बढ़ने लगी. आसपास की झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले बच्चे, जिन्हें पहले स्कूल का नाम भी पता नहीं था, अब हिंदी, गणित और अंग्रेज़ी जैसे विषय सीख रहे हैं.
नीले तिरपाल के नीचे चलती है क्लास
तृप्ति केवल पढ़ाई ही नहीं करातीं, बल्कि बच्चों में आत्मविश्वास और अच्छे इंसान बनने की भावना भी जगाती हैं. वह बच्चों को साफ-सफाई, नैतिकता और जीवन में अनुशासन का महत्व भी सिखाती हैं. त्योहारों पर वह बच्चों को मिठाई, कपड़े और जरूरी सामान भी देती हैं. उनकी पढ़ाई की कक्षा किसी इमारत में नहीं, बल्कि खुले आसमान के नीचे नीली तिरपाल और कुछ बेंचों पर चलती है. मौसम खराब होने या संसाधन कम होने पर भी तृप्ति ने कभी हार नहीं मानी. वह कहती हैं कि जब तक उनके पास ताकत है, वह इन बच्चों के लिए अपनी सेवा जारी रखेंगी।
