उत्तराखंड डेली न्यूज़:ब्योरो
उत्तराखंड में कई नेशनल हाईवे से होकर गुजरता है चारधाम यात्रा का रूट, चारधाम सड़क परियोजना के तहत सड़कें हो चुकी चौड़ी, सफर होगा आसान,धीरज सजवाण, देहरादून:चारधाम यात्रा के दौरान लाखों की संख्या में यात्री उत्तराखंड आते हैं. इसके साथ काफी संख्या में वाहन भी आते हैं. जिसके चलते लंबा जाम लग जाता है. ऐसे में यात्रियों को घंटों तक भारी जाम में जूझना पड़ता है. लिहाजा, यात्रियों और स्थानीय लोगों की परेशानी को देखते हुए ऑल वेदर रोड (चारधाम सड़क परियोजना) के तहत सड़कों का चौड़ीकरण किया जा रहा है. साथ ही नए वैकल्पिक मार्गों और सुरंग का निर्माण किया जा रहा है.
पीएम मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है ऑल वेदर रोड: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट्स में ‘ऑल वेदर रोड प्रोजेक्ट’ भी शामिल है. साल 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले यानी 27 दिसंबर 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘ऑल वेदर रोड परियोजना’ की आधारशिला रखी थी. इस प्रोजेक्ट के तहत चारों धाम यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ को मजबूत सड़क से आपस में जोड़ना है!
यह मोदी सरकार का एक ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक है, जिसे ‘चारधाम सड़क परियोजना’ भी कहा जाता है. इस परियोजना का मकसद चारों धामों की यात्रा को हर मौसम के लिहाज से सुरक्षित, तेज और सुविधाजनक बनाना है. साथ ही चारधाम को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्गों को चौड़ा एवं मजबूत करना है. ऐसे में इस बार चारधाम यात्रा 2025 में किन-किन जगहों पर यात्रियों को जाम के झाम से नहीं जूझना पड़ेगा. इसकी जानकारी देते हैं!
चारधाम यात्रा का रूट कई नेशनल हाईवे से होकर गुजरता है. तकरीबन 935 किलोमीटर का सफर है.यमुनोत्री धाम जाने के लिए ऋषिकेश से धरासू तक नेशनल हाईवे (NH 34) से गुजरना होता है. जिसकी लंबाई 144 किमी है.धरासू से यमुनोत्री धाम जाने के लिए नेशनल हाईवे (NH 134) से गुजरना होता है. जिसकी लंबाई करीब 95 किमी है.गंगोत्री धाम जाने के लिए ऋषिकेश-धरासू नेशनल हाईवे (NH 34) से गुजरना होगा. जिसकी लंबाई 144 किमी है.धरासू से गंगोत्री धाम तक जाने के लिए नेशनल हाईवे (NH 34) से गुजरना होता है. जिसकी लंबाई 124 किमी है.केदारनाथ धाम के लिए ऋषिकेश से रुद्रप्रयाग तक नेशनल हाईवे (NH 7) से गुजरना होगा. जिसकी लंबाई 140 किमी है.रुद्रप्रयाग से गौरीकुंड तक पहुंचने के लिए नेशनल हाईवे (NH 107) से गुजरना होगा. जिसकी लंबाई 76 किमी है.बदरीनाथ धाम के लिए ऋषिकेश से रुद्रप्रयाग तक नेशनल हाईवे (NH 7) से जाना होगा. जिसकी लंबाई 140 किमी है.रुद्रप्रयाग से माणा गांव तक पहुंचने के लिए नेशनल हाईवे (NH 7) से जाना होगा. जिसकी दूरी 160 किमी है.हरबर्टपुर से बड़कोट तक तक पहुंचने के लिए नेशनल हाईवे (NH 507) से जाना होगा. जिसकी दूरी 111.4 किमी है.
चारधाम यात्रा रूट पर हाल में हुए सुधार-
धरासू से यमुनोत्री धाम (NH 134) पर खत्म किए गए बोटल नेकऋषिकेश-रुद्रप्रयाग (NH 7) पर पागल नाला, कमेड़ा, नंदप्रयाग पर लैंडस्लाइड का किया गया ट्रीटमेंटचारधाम रूट पर मौजूद 190 लैंडस्लाइड जोन का चल रहा ट्रीटमेंट का काम, 3 पर काम पूराचारधाम यात्रा रूट पर बनाए गए 9 वैकल्पिक मार्गपीडब्ल्यूडी की 22 और एनएच की 31 जेसीबी यात्रा रोड पर रहेगी मौजूदऑल वेदर रोड का काम 90 फीसदी हुआ पूराकेवल बड़कोट से आगे नेशनल हाईवे (NH 134) पर और नेशनल हाईवे (NH 34) धरासू से गंगोत्री तक के कुछ हिस्से पर ऑल वेदर के कुछ काम हैं बाकीबॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (BRO) के पास है ये हिस्सा,ऋषिकेश से रुद्रप्रयाग (NH 7) पर वैकल्पिक मार्ग-ऋषिकेश-खाड़ी गज-देवप्रयाग मोटर मोर्गस्वीट पुल से राजराजेश्वरी मंदिर वाया चमधार और श्रीनगर से खिर्सू-खांकरा मोटर मार्गरुद्रप्रयाग-तिलवाड़ा-घनसाली-टिहरी-ऋषिकेशडूंगरी पंत-छत्तीखाल-खांकरा मोटर मार्ग
रुद्रप्रयाग से गौरीकुंड (NH 107) पर वैकल्पिक मार्ग-
भैंसगांव-पोखरी मोटर मार्गविजयनगर-पठालीधार-बसुकेदार मोटर मार्गबांसवाड़ा-बस्ती-बसुकेदार मोटर मार्गगुप्तकाशी-मयाली मोटर मार्ग
धरासू बैंड से फूलचट्टी नेशनल हाईवे पर (NH 134) पर वैकल्पिक मार्ग-
नौगांव-पौंटी-राजगढ़ी मोटर रोड से राजतर मोटर रोड
इस बार उत्तराखंड आने वाले तीर्थ यात्रियों के लिए चारधाम यात्रा और भी ज्यादा सुगम होने जा रही है. क्योंकि, लगातार ऑल वेदर रोड पर काम चल रहा है. करीबन 90 फीसदी काम भी पूरा हो चुका है. यात्रा मार्ग पर बरसात के दौरान सड़कें ब्लॉक हो जाती हैं. ऐसे में यातायात सुचारू रखने के लिए सभी व्यवस्थाएं की गई है. इसके अलावा अल्टरनेटिव रूट (वैकल्पिक मार्ग) भी दुरुस्त किए गए हैं.- राजेश शर्मा, विभागाध्यक्ष, लोक निर्माण विभाग, उत्तराखंड चारधाम यात्रा मार्ग पर दूरियों को कम करने के लिए सुरंग निर्माण भी किए गए हैं. जिसमें से सिलक्यारा टनल का हाल ही में ब्रेकथ्रू हो चुका है तो वहीं इसके अलावा बदरीनाथ और केदारनाथ हाईवे को आपस में जोड़ने वाली 900 मीटर लंबी सुरंग का निर्माण भी पूरा हो चुका है. वहीं, 190 मीटर लंबे पुल पर निर्माण कार्य भी चल रहा है.- राजेश शर्मा, विभागाध्यक्ष, लोक निर्माण विभाग, उत्तराखंड
