उत्तराखंड डेली न्यूज़: ब्योरो
भीमताल (नैनीताल)। झील के बीचों-बीच टापू से सजी पौराणिक महत्व की भीमताल झील की सुंदरता पर आखिरकार गंदगी का ग्रहण लग गया है। पिछले कुछ दिनों से झील धीरे-धीरे रंग बदल रही थी, मगर सोमवार को ठंडी सड़क के साथ ही अन्य जगहों पर पानी ज्यादा ही मटमैला दिखाई देने लगी तो लोग हैरान हो गए। पानी के रंग बदलने को लेकर पर्यटकों में कौतूहल था तो स्थानीय लोग झील के अस्तित्व और सुंदरता पर चिंतित दिखे। झील में गिर रही गंदगी को प्रथमदृष्टया इसका मुख्य कारण माना जा रहा है।भीमताल के तिकोनिया में थाने के पास और ठंडी सड़क पर कई जगह झील का पानी मटमैला दिख रहा है। लोगों ने कहा कि उन्होंने ऐसा पहली बार देखा जब पानी गंदा और भूरे, मटमैले रंग का दिखाई दिया। इस बात को लेकर लोगों में तरह-तरह की चर्चा होने लगी। पानी के रंग बदलने से चिंतित स्थानीय लोगों ने कई सवाल खड़े किए। उन्होंने माना कि झील किनारे स्थित होटलों और नालों के रास्ते घरों के सीवर झील में जा रहा है। कहा कि सिंचाई विभाग और जल संस्थान को झील के पानी का रंग बदलने के कारणों की गंभीरता से जांच करनी चाहिए। इस बारे में पद्मश्री डॉ. यशोधर मठपाल का कहना था कि भीमताल झील का पौराणिक महत्व है। झील का पानी गंदा होना सोचनीय विषय है। प्रशासन को इसके कारणों की जांच कर झील का अस्तित्व बचाने को लेकर गंभीरता से काम करना होगा।झील का पानी किस कारण गंदा हो रहा है, इसका पता लगाएंगे। जरूरत पड़ेगी तो उच्चाधिकारियों से झील के पानी को साफ रखने के लिए की वार्ता की जाएगी। देवराज कश्यप, जिलेदार सिंचाई विभाग झील का पानी अगर गंदा हो रहा है तो इसके लिए सिंचाई विभाग और जल संस्थान से वार्ता कर पानी के गंदे होने के कारणों का पता लगाने के लिए कहा जाएगा। यहां विशेषज्ञों की टीम जल्द भेजी जा रही है।
