उत्तराखंड दैनिक समाचार: ब्यूरो
कार्यक्षेत्र में महिलाओं के यौन उत्पीड़न की जागरूकता के लिए सामाजिक संस्था फोरगिवनेस फाउंडेशन सोसाइटी ने पेशेवर छात्रों के लिए एक कार्यशाला का आयोजन किया। इस कार्यशाला में कार्यक्षेत्रों में बढ़ते यौन उत्पीड़न और के बारे में छात्रों को जागरूक किया गया। प्रख्यात मनोवैज्ञानिक डॉ. पवन शर्मा (द साइकेडेलिक) ने यौन अपराध से जुड़े मानसिक विकारों और उनसे बचाव के लिए सूत्र बताये। उन्होंने कहा कि यौन उत्पीड़न करने वाला किसी कुंठा से ग्रस्त और खुद भी किसी मानसिक समस्या से जूझ रहा होता है और यौन उत्पीड़न के द्वारा वो किसी अन्य व्यक्ति पर अपना अधिकार जाहिर करना चाहता है। इस उत्पीड़न से पीड़ित व्यक्ति का व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन खराब हो जाता है और इस आघात से निकलने में बहुत समय लग जाता है, कई बार तो ये आघात जीवन भर बना रहता है। कार्यक्षेत्र में हर दो में से एक महिला ने किसी न किसी रूप में यौन उत्पीड़न का अनुभव किया होता है। कंपनी सेकेट्ररी सुनिष्ठा सिंह ने महिलाओं की सुरक्षा और कार्यक्षेत्र में पेशेवर अंदाज को बनाये रखने के लिए महत्वपूर्ण जानकारियां दी। उन्होंने छात्रों को पर्सनालिटी बेहतर करने के लिए गुर भी सिखाये। एडवोकेट कुलदीप भारद्वाज ने कार्यक्षेत्र में महिलाओं के यौन उत्पीड़न से जुड़े कानून के बारे में सरल भाषा में बताया और शिकायत दर्ज करने का सही ढंग बताया। इस कार्यशाला में छात्रों ने कई सवाल पूछे और वक्ताओं ने उनकी जिज्ञासाओं का समाधान किया। आपको बताते चलें कि फोरगिवनेस फाउंडेशन सोसाइटी कार्यक्षेत्र में महिलाओं के यौन उत्पीड़न की जागरूकता के कार्यक्रम आयोजित करती है और यौन उत्पीड़न से पीड़ित व्यक्ति को निःशुल्क परामर्श और कानूनी मदद उपलब्ध कराती है।